भजन: खाटू का राजा मेहर करो (Khatu Ka Raja Mehar Karo)

थासु विनती कराहाँ बारंबार,

सुनो जी सरकार,

खाटू का राजा मेहर करो ॥



था बिन नाथ अनाथ की जी,

कुण राखेलो टेक,

म्हासा थाके मोकला जी,

म्हासा थाके मोकला जी,

थासा तो म्हारे थे ही एक,

खाटू का राजा मेहर करो ।



थासु विनती कराहाँ बारंबार,

सुनो जी सरकार,

खाटू का राजा मेहर करो ॥



जाणु हूँ दरबार में थारे,

घणी लगी है भीड़,

थारे बिन किस विध मिटेगी,

थारे बिन किस विध मिटेगी,

भोले भगत की या पीर,

खाटू का राजा मेहर करो ।



थासु विनती कराहाँ बारंबार,

सुनो जी सरकार,

खाटू का राजा मेहर करो ॥



ज्यूँ-ज्यूँ बीते टेम हिये को,

छुट्यो जावे धीर,

उझलो आवे कालजो जी,

उझलो आवे कालजो जी,

नैणा सू टप-टप टपके नीर,

खाटू का राजा मेहर करो ।



थासु विनती कराहाँ बारंबार,

सुनो जी सरकार,

खाटू का राजा मेहर करो ॥



साथी म्हारे जिव का थे,

थासे छानी ना,

जान बूझ के मत तरसावो,

जान बूझ के मत तरसावो,

हिवड़े से लेवो लिपटाए,

खाटू का राजा मेहर करो ।



थासु विनती कराहाँ बारंबार,

सुनो जी सरकार,

खाटू का राजा मेहर करो ॥



ध्रुपद सुता की लज्जा राखी,

गज को काट्यो फंद,

सुणकर टेर देर मत किजो,

सुणकर टेर देर मत किजो,

श्याम बिहारी ब्रजचंद,

खाटू का राजा मेहर करो ।



थासु विनती कराहाँ बारंबार,

सुनो जी सरकार,

खाटू का राजा मेहर करो ॥



थासु विनती कराहाँ बारंबार,

सुनो जी सरकार,

खाटू का राजा मेहर करो ॥