दीप प्रज्वलन मंत्र: शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् (Deep Prajwalan Mantra: Shubham Karoti Kalyanam Aarogyam)
यह दीप प्रज्वलन का मंत्र है, तथा इसे दीप दर्शन मंत्र भी कहा जासकता है।
शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा ।
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोऽस्तु ते ॥
दीपो ज्योति परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दन: ।
दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोऽस्तु ते ॥
जो शुभ करता है, कल्याण करता है, आरोग्य रखता है, धन संपदा देता है और शत्रु बुद्धि का विनाश करता है, ऐसे दीप की रोशनी को मैं नमन करता हूँ॥
अहोई अष्टमी व्रत कथा (Ahoi Ashtami Vrat Katha)
आजा माँ तेनु अखियां उडीकदीयां: भजन (Aja Maa Tenu Ankhiyan Udeekdiyan)
रघुवर श्री रामचन्द्र जी आरती (Raghuvar Shri Ramchandra Ji)
जगदीश ज्ञान दाता: प्रार्थना (Jagadish Gyan Data: Prarthana)
श्री राम नाम तारक (Shri Rama Nama Tarakam)
श्री सिद्धिविनायक आरती: जय देव जय देव (Shri Siddhivinayak Aarti: Jai Dev Jai Dev)
श्री चित्रगुप्त जी की आरती - श्री विरंचि कुलभूषण (Shri Chitragupt Aarti - Shri Viranchi Kulbhusan)
श्रीमन नारायण नारायण हरी हरी.. भजन (Shri Man Narayan Narayan Hari Hari)
भजन: किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए.. (Kishori Kuch Aisa Intazam Ho Jaye)
नाम रामायणम (Nama Ramayanam)
भजन: थारी जय जो पवन कुमार! (Bhajan: Thari Jai Ho Pavan Kumar Balihari Jaun Balaji)
अष्टोत्तर भैरव नामावलि (Bhairav Stotram)