पंच परमेष्ठी आरती (Panch Parmeshthi Aarti)
इह विधि मंगल आरति कीजे,
पंच परमपद भज सुख लीजे ।
इह विधि मंगल आरति कीजे,
पंच परमपद भज सुख लीजे ॥
पहली आरति श्रीजिनराजा,
भव दधि पार उतार जिहाजा ।
इह विधि मंगल आरति कीजे,
पंच परमपद भज सुख लीजे ॥
दूसरी आरति सिद्धन केरी,
सुमिरन करत मिटे भव फेरी ।
इह विधि मंगल आरति कीजे,
पंच परमपद भज सुख लीजे ॥
तीजी आरति सूरि मुनिंदा,
जनम मरन दु:ख दूर करिंदा ।
इह विधि मंगल आरति कीजे,
पंच परमपद भज सुख लीजे ॥
चौथी आरति श्री उवझाया,
दर्शन देखत पाप पलाया ।
इह विधि मंगल आरति कीजे,
पंच परमपद भज सुख लीजे ॥
पाँचमि आरति साधु तिहारी,
कुमति विनाशन शिव अधिकारी ।
इह विधि मंगल आरति कीजे,
पंच परमपद भज सुख लीजे ॥
छट्ठी ग्यारह प्रतिमाधारी,
श्रावक वंदूं आनंदकारी ।
इह विधि मंगल आरति कीजे,
पंच परमपद भज सुख लीजे ॥
सातमि आरति श्रीजिनवानी,
‘द्यानत’ सुरग मुकति सुखदानी ।
इह विधि मंगल आरति कीजे,
पंच परमपद भज सुख लीजे ॥
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप की (Sari Duniya Hai Diwani Radha Rani Aapki)
भजन: जिनके हृदय हरि नाम बसे (Jinke Hriday Hari Naam Base)
उनकी रेहमत का झूमर सजा है: भजन (Unki Rehmat Ka Jhoomar Saja Hai)
बोल राधे, बोल राधे: भजन (Bol Radhey, Bol Radhey)
मंत्र: माँ गायत्री (Maa Gayatri)
प्रभु हम पे कृपा करना, प्रभु हम पे दया करना: भजन (Prabhu Humpe Daya Karna)
रमा एकादशी व्रत कथा (Rama Ekadashi Vrat Katha)
छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल (Choti Choti Gaiyan Chote Chote Gwal)
कन्हैया कन्हैया पुकारा करेंगे... (Kanhaiya Kanhaiya Pukara Karenge Lataon Me Brij Ki Gujara Karenge)
कृष्ण जिनका नाम है: भजन (Krishna Jinka Naam Hai Gokul Jinka Dham Hai Bhajan)
भजन: पायो जी मैंने राम रतन धन पायो। (Bhajan: Piyo Ji Maine Ram Ratan Dhan Payo)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 25 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 25)