इस योग्य हम कहाँ हैं, गुरुवर तुम्हें रिझायें: भजन (Is Yogya Ham Kahan Hain, Guruwar Tumhen Rijhayen)
इस योग्य हम कहाँ हैं
इस योग्य हम कहाँ हैं,
गुरुवर तुम्हें रिझायें ।
फिर भी मना रहे हैं,
शायद तु मान जाये ॥
जब से जनम लिया है,
विषयों ने हमको घेरा ।
छल और कपट ने डाला,
इस भोले मन पे डेरा ॥
सद्बुद्धि को अहं ने,
हरदम रखा दबाये ॥
निश्चय ही हम पतित हैं,
लोभी हैं लालची हैं ।
तेरा ध्यान जब लगायें,
माया पुकारती है ॥
सुख भोगने की इच्छा,
कभी तृप्त हो न पाये ॥
जग में जहाँ भी जायें,
बस एक ही चलन है ।
एक- दूसरे के सुख में,
खुद को बड़ी जलन है ॥
कर्मों का लेखा जोखा,
कोई समझ न पाये ॥
जब कुछ न कर सके तो,
तेरी शरण में आये ।
अपराध मानते हैं,
झेलते सब सजायें ॥
अब ज्ञान हम को दे दो,
कुछ और हम ना चाहें ॥
जानकी नाथ सहाय करें.. (Janaki Nath Sahay Kare)
मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे: भजन (Mere Ladle Ganesh Pyare Pyare Bhajan)
भजन: हरी नाम सुमिर सुखधाम, जगत में... (Hari Nam Sumir Sukhdham Jagat Mein)
जय जय शनि देव महाराज: भजन (Aarti Jai Jai Shanidev Maharaj)
जगत के रंग क्या देखूं: भजन (Jagat Ke Rang Kya Dekhun)
श्रावण संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा (Shravan Sankashti Ganesh Chaturthi Vrat Katha)
आदियोगी - दूर उस आकाश की गहराइयों में (Adiyogi The Source Of Yoga)
कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 12 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 12)
कीर्तन रचो है म्हारे आंगने - भजन (Kirtan Racho Hai Mhare Angane)
श्री शीतलाष्टक स्तोत्र (Shri Sheetla Ashtakam)
रामा रामा रटते रटते, बीती रे उमरिया: भजन (Rama Rama Ratate Ratate)
लगन तुमसे लगा बैठे, जो होगा देखा जाएगा। (Lagan Tumse Laga Baithe Jo Hoga Dekha Jayega)