भगवान मेरी नैया, उस पार लगा देना: भजन (Bhagwan Meri Naiya Us Par Gaga Dena)
भगवान मेरी नैया,
उस पार लगा देना,
अब तक तो निभाया है,
आगे भी निभा देना ॥
हम दीन दुखी निर्बल,
नित नाम रहे प्रतिपल,
यह सोच दरश दोगे,
प्रभु आज नही तो कल,
जो बाग़ लगाया है,
फूलों से सजा देना,
भगवान मेरी नईया,
उस पार लगा देना,
अब तक तो निभाया है,
आगे भी निभा देना ॥
तुम शांति सुधाकर हो,
तुम ज्ञान दिवाकर हो,
मम हँस चुगे मोती,
तुम मान सरोवर हो,
दो बूंद सुधारस की,
हमको भी पिला देना,
भगवान मेरी नईया,
उस पार लगा देना,
अब तक तो निभाया है,
आगे भी निभा देना ॥
रोकोगे भला कबतक,
दर्शन को मुझे तुमसे,
चरणों से लिपट जाऊं,
वृक्षों से लता जैसे,
अब द्वार खड़ी तेरे,
मुझे राह दिखा देना,
भगवान मेरी नईया,
उस पार लगा देना,
अब तक तो निभाया है,
आगे भी निभा देना ॥
मजधार पड़ी नैया,
डगमग डोले भव में,
आओ त्रिशला नंदन,
हम ध्यान धरे मन में,
अब ‘तनवर’ करे विनती,
मुझे अपना बना लेना,
भगवान मेरी नईया,
उस पार लगा देना,
अब तक तो निभाया है,
आगे भी निभा देना ॥
भगवान मेरी नैया,
उस पार लगा देना,
अब तक तो निभाया है,
आगे भी निभा देना ॥
राम ना मिलेगे हनुमान के बिना: भजन (Bhajan: Ram Na Milege Hanuman Ke Bina)
महादेव शंकर हैं जग से निराले: भजन (Mahadev Shankar Hain Jag Se Nirale)
सज रही मेरी अम्बे मैया - माता भजन (Saj Rahi Meri Ambe Maiya Sunahare Gote Mein)
न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ: कामना (Na Dhan Dharti Na Dhan Chahata Hun: Kamana)
श्री सिद्धिविनायक आरती: जय देव जय देव (Shri Siddhivinayak Aarti: Jai Dev Jai Dev)
श्री बालाजी आरती, ॐ जय हनुमत वीरा (Shri Balaji Ki Aarti, Om Jai Hanumat Veera)
आओ यशोदा के लाल: भजन (Aao Yashoda Ke Laal)
वीर हनुमाना अति बलवाना: भजन (Veer Hanumana Ati Balwana)
कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 8 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 8)
नवग्रहस्तोत्र (Navagrah Astotra)
जय सन्तोषी माता: आरती (Jai Santoshi Mata Aarti)
शिवाष्ट्कम्: जय शिवशंकर, जय गंगाधर.. पार्वती पति, हर हर शम्भो (Shivashtakam: Jai ShivShankar Jai Gangadhar, Parvati Pati Har Har Shambhu)