भक्ति की झंकार उर के: प्रार्थना (Bhakti Ki Jhankar Urke Ke Taron Main: Prarthana)

भक्ति की झंकार उर के,

तारों में कर्त्तार भर दो ।

भक्ति की झंकार उर के,

तारों में कर्त्तार भर दो ॥




लौट जाए स्वार्थ, कटुता,


द्वेष, दम्भ निराश होकर ।


शून्य मेरे मन भवन में,


देव! इतना प्यार भर दो ॥




भक्ति की झंकार उर के,

तारों में कर्त्तार भर दो ॥




बात जो कह दूं, हृदय में,


वो उतर जाये सभी के ।


इस निरस मेरी गिरा में,


वह प्रभाव अपार भर दो ॥



भक्ति की झंकार उर के,

तारों में कर्त्तार भर दो ॥




कृष्ण के सदृश सुदामा,


प्रेमियों के पांव धोने ।


नयन में मेरे तरंगित,


अश्रु पारावार भर दो ॥



भक्ति की झंकार उर के,

तारों में कर्त्तार भर दो ॥




पीड़ितों को दूँ सहारा,


और गिरतों को उठा लूँ ।


बाहुओं में शक्ति ऐसी,


ईश सर्वाधार भर दो ॥



भक्ति की झंकार उर के,

तारों में कर्त्तार भर दो ॥




रंग झूठे सब जगत के,


ये "प्रकाश" विचार देखा ।


क्षुद्र जीवन में सुघड़ निज,


रंग परमोदार भर दो ॥



भक्ति की झंकार उर के,

तारों में कर्त्तार भर दो ॥

दीप प्रज्वलन मंत्र: शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् (Deep Prajwalan Mantra: Shubham Karoti Kalyanam Aarogyam)

पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 16 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 16)

माँ शारदे कहाँ तू, वीणा बजा रही हैं: भजन (Maa Sharde Kaha Tu Veena Baja Rahi Hain)

ले चल अपनी नागरिया, अवध बिहारी साँवरियाँ: भजन (Le Chal Apni Nagariya, Avadh Bihari Sanvariya)

मेरी भावना: जिसने राग-द्वेष कामादिक - जैन पाठ (Meri Bawana - Jisne Raag Dwesh Jain Path)

सीता राम, सीता राम, सीताराम कहिये: भजन (Sita Ram Sita Ram Sita Ram Kahiye)

श्री गौमता जी की आरती (Shri Gaumata Ji Ki Aarti)

कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे! (Kabhi Fursat Ho To Jagdambe)

हवन-यज्ञ प्रार्थना: पूजनीय प्रभो हमारे (Hawan Prarthana: Pujniya Prabhu Hamare)

आर्य समाज प्रेरक भजन (Arya Samaj Motivational Bhajans)

प्रेम मुदित मन से कहो, राम राम राम: भजन (Prem Mudit Mann Se Kaho, Ram Ram Ram)

क्षमा करो तुम मेरे प्रभुजी: भजन (Kshama Karo Tum Mere Prabhuji)