श्री गोवर्धन महाराज आरती (Shri Govardhan Maharaj)
दीपावली के तुरंत बाद आने वाली गोवर्धन पूजा में गाई जाने वाली प्रमुख आरती।
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
॥ श्री गोवर्धन महाराज...॥
तोपे* पान चढ़े, तोपे फूल चढ़े,
तोपे चढ़े दूध की धार।
॥ श्री गोवर्धन महाराज...॥
तेरे गले में कंठा साज रेहेओ,
ठोड़ी पे हीरा लाल।
॥ श्री गोवर्धन महाराज...॥
तेरे कानन कुंडल चमक रहेओ,
तेरी झांकी बनी विशाल।
॥ श्री गोवर्धन महाराज...॥
तेरी सात कोस की परिकम्मा,
चकलेश्वर है विश्राम।
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
गिरिराज धारण प्रभु तेरी शरण।
*
तोपे
: तुम पर / तुम्हारे ऊपर
मेरी भावना: जिसने राग-द्वेष कामादिक - जैन पाठ (Meri Bawana - Jisne Raag Dwesh Jain Path)
ना जी भर के देखा, ना कुछ बात की: भजन (Na Jee Bhar Ke Dekha Naa Kuch Baat Ki)
गुरु भजन: दर्शन देता जाइजो जी.. (Darshan Deta Jaijo Ji Satguru Milata Jaiyo Ji)
छठ पूजा: कांच ही बांस के बहंगिया (Chhath: Kanch Hi Bans Ke Bahangiya)
आरती श्री भगवद् गीता (Aarti Shri Bhagwat Geeta)
रमा एकादशी व्रत कथा (Rama Ekadashi Vrat Katha)
भजन: शिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ (Shiv Shankar Ko Jisne Pooja)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 24 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 24)
बालाजी मने राम मिलन की आस: भजन (Balaji Mane Ram Milan Ki Aas)
परमा एकादशी व्रत कथा (Parama Ekadashi Vrat Katha)
गुरु स्तुति (Guru Stuti)
श्री गणेश मंत्र - गजाननं भूत गणादि सेवितं! (Shri Ganesh Mantr: Gajananam Bhoota Ganadhi Sevitam)