मुकुट सिर मोर का, मेरे चित चोर का: भजन (Mukut Sir Mor Ka, Mere Chit Chor Ka)

मुकुट सिर मोर का,

मेरे चित चोर का ।

दो नैना सरकार के,

कटीले हैं कटार से ॥



कमल लज्जाये तेरे,

नैनो को देख के ।

भूली घटाएँ तेरी,

कजरे की रेख पे ।

यह मुखड़ा निहार के,

सो चाँद गए हार के,

दो नैना सरकार के,

कटीले हैं कटार से ॥



मुकुट सिर मोर का,

मेरे चित चोर का ।

दो नैना सरकार के,

कटीले हैं कटार से ॥



कुर्बान जाऊं तेरी,

बांकी अदाओं पे ।

पास मेरे आजा तोहे,

भर मैं भर लूँ मैं बाहों में ।

जमाने को विसार के,

दिलो जान तोपे वार के,

दो नैना सरकार के,

कटीले हैं कटार से ॥



मुकुट सिर मोर का,

मेरे चित चोर का ।

दो नैना सरकार के,

कटीले हैं कटार से ॥



रमण बिहारी नहीं,

तुलना तुम्हारी।

तुझ सा ना पहले,

कोई ना देखा अगाडी ।

दीवानों ने विचार के,

कहा यह पुकार के,

दो नैना सरकार के,

कटीले हैं कटार से ॥



मुकुट सिर मोर का,

मेरे चित चोर का ।

दो नैना सरकार के,

कटीले हैं कटार से ॥

सीता राम, सीता राम, सीताराम कहिये: भजन (Sita Ram Sita Ram Sita Ram Kahiye)

चौसठ जोगणी रे भवानी: राजस्थानी भजन (Chausath Jogani Re Bhawani, Dewaliye Ramajay)

मधुराष्टकम्: अधरं मधुरं वदनं मधुरं - श्रीवल्लभाचार्य कृत (Madhurashtakam Adhram Madhuram Vadnam Madhuram)

शुक्रवार संतोषी माता व्रत कथा (Shukravar Santoshi Mata Vrat Katha)

नमो नमो शंकरा: भजन (Namo Namo Shankara)

भजन: कुमार मैने देखे, सुंदर सखी दो कुमार! (Bhajan: Kumar Maine Dekhe, Sundar Sakhi Do Kumar)

महा शिवरात्रि पूजन पौराणिक व्रत कथा (Maha Shivaratri Pujan Pauranik Vrat Katha)

नाग पंचमी पौराणिक कथा! (Nag Panchami Pauranik Katha)

॥दारिद्र्य दहन शिवस्तोत्रं॥ (Daridraya Dahana Shiv Stotram)

जानकी स्तुति - भइ प्रगट किशोरी (Janaki Stuti - Bhai Pragat Kishori)

मुझे कौन जानता था तेरी बंदगी से पहले: भजन (Mujhe Kaun Poochhta Tha Teri Bandagi Se Pahle)

भजन: मेरी झोली छोटी पड़ गयी रे (Meri Jholi Chhoti Padgayi Re Itna Diya Meri Mata)