विधाता तू हमारा है: प्रार्थना (Vidhata Tu Hamara Hai: Prarthana)
विधाता तू हमारा है, तू ही विज्ञान दाता है ।
बिना तेरी दया कोई, नहीं आनन्द पाता है ॥
तितिक्षा को कसौटी से, जिसे तू जांच लेता है ।
उसी विद्याधिकारी को, अविद्या से छुड़ाता है ॥
सताता जो न औरों को, न धोखा आप खाता है ।
वही सद्भक्त है तेरा, सदाचारी कहाता है ॥
सदा जो न्याय का प्यारा, प्रजा को दान देता है ।
महाराजा ! उसी को तू बड़ा राजा बनाता है ॥
तजे जो धर्म को, धारा कुकर्मों को बहाता है ।
न ऐसे नीच पापी को कभी ऊंचा चढ़ाता है ॥
स्वयंभू शंकरानन्दी तुझे जो जान लेता है ।
वही कैवल्य सत्ता की महत्ता में समाता है ॥
धन धन भोलेनाथ बॉंट दिये, तीन लोक: भजन (Dhan Dhan Bholenath Bant Diye Teen Lok)
गुरुदेव भजन (Guru Dev Bhajans)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 22 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 22)
चित्रगुप्त की कथा - यम द्वितीया (Chitragupt Ji Ki Katha - Yam Dwitiya)
शिव भजन: पार्वती तेरा भोला, जगत में.. (Parvati Tera Bhola Jagat Me Sabse Nirala Hai)
मेरो छोटो सो लड्डू गोपाल सखी री बड़ो प्यारो है (Mero Choto So Laddu Gopal Sakhi Ri Bado Pyaro Hai)
चक्रवर्ती राजा दिलीप की गौ-भक्ति कथा (Chakravarthi Raja Dileep Ki Gau Bhakti Katha)
शिव स्तुति: ॐ वन्दे देव उमापतिं सुरगुरुं (Shiv Stuti: Om Vande Dev Umapatin Surguru)
भजन: दिया थाली बिच जलता है.. (Diya Thali Vich Jalta Hai)
दुर्गा पूजा पुष्पांजली (Durga Puja Pushpanjali)
नामावलि: श्री गणेश अष्टोत्तर नामावलि (108 Shri Ganesh Ji)
भजन: कभी धूप कभी छाँव (Kabhi Dhoop Kabhi Chhaon)