विद्यां ददाति विनयं! (Vidya Dadati Vinayam)
विद्यां ददाति विनयं,
विनयाद् याति पात्रताम्।
पात्रत्वात् धनमाप्नोति,
धनात् धर्मं ततः सुखम्॥
हिन्दी भावार्थ:
विद्या विनय देती है, विनय से पात्रता आती है, पात्रता से धन आता है, धन से धर्म होता है, और धर्म से सुख प्राप्त होता है।
तुलसी विवाह पौराणिक कथा (Tulsi Vivah Pauranik Katha)
श्री पंच-तत्व प्रणाम मंत्र (Panch Tattva Pranam Mantra)
खजुराहो: ब्रह्मानंदम परम सुखदम (Khajuraho: Brahamanandam, Paramsukhdam)
भजन: मुखड़ा देख ले प्राणी, जरा दर्पण में (Mukhda Dekh Le Prani, Jara Darpan Main)
शीश गंग अर्धंग पार्वती: भजन (Sheesh Gang Ardhang Parvati)
आजा.. नंद के दुलारे हो..हो..: भजन (Ajaa Nand Ke Dulare)
रामजी भजन: मंदिर बनेगा धीरे धीरे (Ramji Ka Mandir Banega Dheere Dheere)
हर महादेव आरती: सत्य, सनातन, सुंदर (Har Mahadev Aarti: Satya Sanatan Sundar)
मनमोहन कान्हा विनती करू दिन रेन: भजन (Manmohan Kanha Vinti Karu Din Rain)
जम्भेश्वर आरती: ओ३म् शब्द सोऽहं ध्यावे (Jambheshwar Aarti Om Shabd Sohan Dhyave)
भजन: श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी (Bhajan: Shri Krishna Govind Hare Murari)
अजा एकादशी व्रत कथा! (Aja Ekadashi Vrat Katha)