हमें गुरुदेव तेरा सहारा न मिलता (Hame Gurudev Tera Sahara Na Milata)

हमें गुरुदेव तेरा सहारा न मिलता ।

ये जीवन हमारा दुबारा न खिलता ॥



साँसों की सरगम मध्यम हुई थी ।

जीने की आशा भी धूमिल हुई थी ।



तेरे नाम का जो सहारा न मिलता ।

ये जीवन हमारा दुबारा न खिलता ॥



रिश्तों की चौखट पे ठोकर है खाई ।

अपने परायों की समझ भी न आई ।



सच्चा जो तेरा रिश्ता न मिलता ।

ये जीवन हमारा दुबारा न खिलता ॥



किस्मत की मौजों ने कश्ती डुबोयी ।

जब सब लुटा तो तेरी याद आई ।



अगर मेरी किश्ती को सहारा न मिलता ।

ये जीवन हमारा दुबारा न खिलता ॥

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