भजन: दिया थाली बिच जलता है.. (Diya Thali Vich Jalta Hai)

दिया थाली बिच जलता है,

ऊपर माँ का भवन बना,

नीचे गंगा जल बहता है ॥

दिया थाली बिच जलता है ।

ऊपर माँ का भवन बना,

नीचे गंगा जल बहता है ॥



माँ के माथे पे टीका है,

माँ की बिंदिया ऐसे चमके,

जैसे चाँद चमकता है ॥

दिया थाली बिच जलता है ।

ऊपर माँ का भवन बना,

नीचे गंगा जल बहता है ॥



माँ के गले में हरवा है,

माँ के झुमके ऐसे चमकें,

जैसे चाँद चमकता है ॥

दिया थाली बिच जलता है ।

ऊपर माँ का भवन बना,

नीचे गंगा जल बहता है ॥



माँ के हाथों में चूड़ियां है,

माँ के कंगन, मेंहदी ऐसे चमके

जैसे चाँद चमकता है ॥

दिया थाली बिच जलता है ।

ऊपर माँ का भवन बना,

नीचे गंगा जल बहता है ॥



मां के पैरों में पायल हैं,

मां के बिछुए ऐसे चमके,

जैसे चाँद चमकता है ॥

दिया थाली बिच जलता है ।

ऊपर माँ का भवन बना,

नीचे गंगा जल बहता है ॥



माँ के अंग पे साड़ी है,

माँ की चुनरी ऐसे चमके,

जैसे चाँद चमकता है ॥

दिया थाली बिच जलता है ।

ऊपर माँ का भवन बना,

नीचे गंगा जल बहता है ॥