तेरी सूरत पे जाऊं बलिहार रसिया: भजन (Teri Surat Pe Jaun Balihari Rasiya)

तेरी सूरत पे जाऊं बलिहार रसिया

मैं तो नाचूंगी तेरे दरवार रसिया ॥



तेरी सूरत पे जाऊं बलिहार रसिया

मैं तो नाचूंगी तेरे दरवार रसिया ॥



ओड़ के आई मैं तो लाल चुनारिया,

मटकी उठा के मैं तो, बन गयी गुजरिया ।

मैं तो कर आई सोला श्रृंगार रसिया,

मैं तो नाचूंगी तेरे दरवार रसिया ॥



तेरी सूरत पे जाऊं बलिहार रसिया

मैं तो नाचूंगी तेरे दरवार रसिया ॥



तेरे पीछे मैं तो आई हूँ अकेली,

बड़े गोप की नयी नवेली।

आई हूँ करने मनोहार रसिया,

मैं तो नाचूंगी तेरे दरवार रसिया ॥



तेरी सूरत पे जाऊं बलिहार रसिया

मैं तो नाचूंगी तेरे दरवार रसिया ॥



जब से लगी है तेरी लगनवा,

बिसर गयो मोहे घर आंगनवा ।

मैं तो छोड़ आई सारा संसार रसिया,

मैं तो नाचूंगी तेरे दरवार रसिया ॥



तेरी सूरत पे जाऊं बलिहार रसिया

मैं तो नाचूंगी तेरे दरवार रसिया ॥



------- भजन को कुछ भक्ति इस रूप मे भी गाते हैं -------

तेरी बंसी पे जाऊं बलिहार रसिया,

मैं तो नाचूंगी बीच बाजार रसिया।