गोपाल गोकुल वल्लभे, प्रिय गोप गोसुत वल्लभं (Gopal Gokul Valbhe Priya Gop Gosut Valbham)
गोपाल गोकुल वल्लभे,
प्रिय गोप गोसुत वल्लभं ।
चरणारविन्दमहं भजे,
भजनीय सुरमुनि दुर्लभं ॥
घनश्याम काम अनेक छवि,
लोकाभिराम मनोहरं ।
किंजल्क वसन किशोर मूरति,
भूरिगुण करुणाकरं ॥
सिरकेकी पच्छ विलोलकुण्डल,
अरुण वनरुहु लोचनं ।
कुजव दंस विचित्र सब अंग,
दातु भवभय मोचनं ॥
कच कुटिल सुन्दर तिलक,
ब्रुराकामयंक समाननं ।
अपहरण तुलसीदास,
त्रास बिहारी बृन्दाकाननं ॥
गोपाल गोकुल वल्लभे,
प्रिय गोप गोसुत वल्लभं ।
चरणारविन्दमहं भजे,
भजनीय सुरमुनि दुर्लभं ॥
- गोस्वामी तुलसीदास
कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 8 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 8)
गुरु बिन घोर अँधेरा संतो: भजन (Guru Bina Ghor Andhera Re Santo)
जय सन्तोषी माता: आरती (Jai Santoshi Mata Aarti)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 15 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 15)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 6 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 6)
दानी बड़ा ये भोलेनाथ, पूरी करे मन की मुराद! (Dani Bada Ye Bholenath Puri Kare Man Ki Murad)
ब्रजराज ब्रजबिहारी! इतनी विनय हमारी (Brajaraj Brajbihari Itni Vinay Hamari)
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार: भजन (Duniya Se Jab Main Hara Too Aaya Tere Dwar)
वीरो के भी शिरोमणि, हनुमान जब चले: भजन (Veeron Ke Shiromani, Hanuman Jab Chale)
शिव पूजा में मन लीन रहे मेरा: भजन (Shiv Puja Mai Mann Leen Rahe Mera)
भजन: कोई लाख करे चतुरायी (Koi Lakh Kare Chaturayi )
राम तुम बड़े दयालु हो: भजन (Ram Tum Bade Dayalu Ho)