मेरो छोटो सो लड्डू गोपाल सखी री बड़ो प्यारो है (Mero Choto So Laddu Gopal Sakhi Ri Bado Pyaro Hai)
मेरो छोटो सो लड्डू गोपाल,
सखी री बड़ो प्यारो है।
मेरो छोटो सो लड्डू गोपाल,
सखी री बड़ो प्यारो है।
अँखियाँ मटकाये जब सुबह जागे,
जब मैं नेहलाऊ मेरे हाथो से भागे,
बड़ी मुश्किल से करू मैं संभाल,
सखी री बड़ो प्यारो है।
मेरो छोटो सो लड्डू गोपाल,
सखी री बड़ो प्यारो है।
भोग मैं लगाउ मेको टुकर टुकर देखे,
फल जो चड़ाउ बा को मोपे ही फेंके,
या के मोटे मोटे फूल जाए गाल,
सखी री बड़ो प्यारो है।
मेरो छोटो सो लड्डू गोपाल,
सखी री बड़ो प्यारो है।
सारा दिन चुपके चुपके मस्ती मनावे,
शाम जो ढले मोको मुरली सुनावे,
बाकी मुरली पे जाऊ बलहार,
सखी री बड़ो प्यारो है।
मेरो छोटो सो लड्डू गोपाल,
सखी री बड़ो प्यारो है।
नित नई लीला कर रहता ये मोन है,
श्री हरिदासी का इसके सिवा कौन है,
हुई वाकी मैं छोड़ जन जाल,
सखी री बड़ो प्यारो है।
मेरो छोटो सो लड्डू गोपाल,
सखी री बड़ो प्यारो है।
आरती: श्री गणेश - शेंदुर लाल चढ़ायो (Shri Ganesh Shendur Laal Chadhayo)
दे दो अंगूठी मेरे प्राणों से प्यारी: भजन (De Do Anguthi Mere Prano Se Pyari)
हम तो दीवाने मुरलिया के, अजा अजा रे लाल यशोदा के (Hum Too Diwane Muraliya Ke Aaja Aaje Re Lal Yashoda Ke)
फंसी भंवर में थी मेरी नैया - श्री श्याम भजन (Fansi Bhanwar Me Thi Meri Naiya)
बालाजी मने राम मिलन की आस: भजन (Balaji Mane Ram Milan Ki Aas)
ओम अनेक बार बोल! (Om Anek Bar Bol Prem Ke Prayogi)
वृंदावनी वेणू: भजन (Vrindavani Venu)
श्याम के बिना तुम आधी: भजन (Shyam Ke Bina Tum Aadhi)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 30 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 30)
जगन्नाथ मंगल आरती (Jagannath Mangal Aarti)
भजन: हम सब मिलके आये, दाता तेरे दरबार (Hum Sab Milke Aaye Data Tere Darbar)
भजन: छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना! (Bhajan: Cham Cham Nache Dekho Veer Hanumana)