हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी: होली भजन (Hari Sir Dhare Mukut Khele Hori)

हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी

कहाँ से आयो कुँवर कन्हैया



हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी

कहाँ से आयो कुँवर कन्हैया

कहाँ से आई राधा गोरी

हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी

कहाँ से आयो कुँवर कन्हैया

मथुरा से आयो कुँवर कन्हैया

गोकुल से राधा गोरी



हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी

हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी

कितने बरस को कुँवर कन्हैया

कितने बरस की राधा गोरी

हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी

सात बरस को कुँवर कन्हैया

बारह बरस राधा गोरी



हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी

हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी

काहे के दो खम्भ बने है

काहे की लागी डोरी

हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी

हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी

अगर चन्दन को खम्भ बनो है

रेशम की लागी डोरी



हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी

हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी

एक पर झूले कुँवर कन्हैया

दूजे पर राधा गोरी

हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी

हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी

टूट गयो खम्भ लटक गई डोरी

रपट पड़ी राधा गोरी



हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी

हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी

जुड़ गयो खम्भ जुड़ाय गयी डोरी

हँसत चली राधा गोरी



हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी,

हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी,

जैसे तुम सीता के राम: भजन (Jaise Tum Sita Ke Ram)

कनकधारा स्तोत्रम्: अङ्गं हरेः पुलकभूषणमाश्रयन्ती (Kanakadhara Stotram: Angam Hareh Pulaka Bhusanam Aashrayanti)

भगवान राम के राजतिलक में निमंत्रण से छूटे भगवान चित्रगुप्त (Ram Ke Rajtilak Me Nimantran Se Chhute Bhagwan Chitragupt)

आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की (Kunj Bihari Shri Girdhar Krishna Murari)

राम जपते रहो, काम करते रहो: भजन (Ram Japate Raho, Kam Karte Raho)

भजन: तुम रूठे रहो मोहन (Tum Ruthe Raho Mohan)

जगमग जगमग जोत जली है, आरती श्री राम जी (Jagmag Jyot Jali Hai Shri Ram Aarti)

भजन: हे करुणा मयी राधे, मुझे बस तेरा सहारा है! (Hey Karuna Mayi Radhe Mujhe Bas Tera Sahara Hai)

श्री श्रीगुर्वष्टक (iskcon Sri Sri Guruvashtak)

राम को मांग ले मेरे प्यारे: भजन (Ram Ko Maang Le Mere Pyare)

गुरु बिन घोर अँधेरा संतो: भजन (Guru Bina Ghor Andhera Re Santo)

शिव भजन: पार्वती तेरा भोला, जगत में.. (Parvati Tera Bhola Jagat Me Sabse Nirala Hai)