भोजन मन्त्र: ॐ सह नाववतु। (Bhojan Mantra Om Sah Naavavatu)

अन्न ग्रहण करने से पहले

विचार मन मे करना है

किस हेतु से इस शरीर का

रक्षण पोषण करना है

हे परमेश्वर एक प्रार्थना

नित्य तुम्हारे चरणों में

लग जाये तन मन धन मेरा

विश्व धर्म की सेवा में ॥



ब्रह्मार्पणं ब्रह्महविर्ब्रह्माग्नौ ब्रह्मणा हुतम्।

ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं ब्रह्मकर्म समाधिना।।



ॐ सह नाववतु।

सह नौ भुनक्तु।

सह वीर्यं करवावहै।

तेजस्विनावधीतमस्तु।

मा विद्‌विषावहै॥

ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥

श्रावण संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा (Shravan Sankashti Ganesh Chaturthi Vrat Katha)

भागवत कथा प्रसंग: कुंती ने श्रीकृष्ण से दुख क्यों माँगा? (Kunti Ne Shrikrishna Se Upahar Mein Dukh Kyon Manga)

भजन: मानो तो मैं गंगा माँ हूँ.. (Mano Toh Main Ganga Maa Hun)

भजन: करदो करदो बेडा पार राधे अलबेली सरकार (Kardo Kardo Beda Paar Radhe Albeli Sarkar)

पंच परमेष्ठी आरती (Panch Parmeshthi Aarti)

प्रभु रामचंद्र के दूता: भजन (Prabhu Ramachandra Ke Dootha)

सबसे ऊंची प्रेम सगाई: भजन (Bhajan: Sabse Unchi Prem Sagai)

वंदना: ज्ञान का दान ही सबसे बड़ा हैं (Gyan Ka Daan Hi Sabse Bada Hai)

कभी राम बनके, कभी श्याम बनके भजन (Bhajan: Kabhi Ram Banake Kabhi Shyam Banake)

भजन: श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी (Bhajan: Shri Krishna Govind Hare Murari)

नंगे नंगे पाँव चल आ गया री: नवरात्रि भजन (Nange Nange Paon Chal Aagaya Ri)

भजन: ना जाने कौन से गुण पर, दयानिधि रीझ जाते हैं! (Na Jane Kaun Se Gun Par Dayanidhi Reejh Jate Hain)