विसर नाही दातार अपना नाम देहो: शब्द कीर्तन (Visar Nahi Datar Apna Naam Deho)
गुण गावा दिन रात गुण गवा,
विसर नाही दातार अपना नाम देहो,
गुण गावा दिन रात नानक जाओ इहो,
सतनाम श्री वाहेगुरु सतनाम श्री वाहेगुरु,
सिमरत वेद पुराण पुकारन को थइयाँ,
नाम बिना सब कुड गली हो छियां,
गुण गावा दिन रात नानक जाओ इहो,
नाम निधान अपार भगता मन वसे,
जन्म मरण मोह दुःख साधु संग नसे,
गुण गावा दिन रात नानक जाओ इहो,
मोहे बाद ओंकार सिर पर रुनिया,
सुख न पाए मूल नाम विशुनिया,
गुण गावा दिन रात नानक जाओ इहो,
मेरी मेरी ता बंधन बंदेया,
नर्क सुरग अवतार नाया धंदेया,
गुण गावा दिन रात नानक जाओ इहो,
सोधक सोधक सोध तख विचारया,
नाम बिना सुख ना ही सिर पर हारिया,
गुण गावा दिन रात नानक जाओ इहो,
आवे यहे अनेक मर मर जन्म ते,
बिन भुजे सब वाद जूनि भरम ते,
गुण गावा दिन रात नानक जाओ इहो,
जिनको भये दयान तीन साधु संग पिया,
अमृत हल्का नाम तीनि जनि जप लिया,
गुण गावा दिन रात नानक जाओ इहो,
खोजे कोट असंख बहुत अंतंत के,
जिस भुजाये आप नेडा तिस हे,
गुण गावा दिन रात नानक जाओ इहो,
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