आरती: सीता माता की (Shri Sita Mata Aarti)

आरती श्री जनक दुलारी की ।

सीता जी रघुवर प्यारी की ॥



जगत जननी जग की विस्तारिणी,

नित्य सत्य साकेत विहारिणी,

परम दयामयी दिनोधारिणी,

सीता मैया भक्तन हितकारी की ॥



आरती श्री जनक दुलारी की ।

सीता जी रघुवर प्यारी की ॥



सती श्रोमणि पति हित कारिणी,

पति सेवा वित्त वन वन चारिणी,

पति हित पति वियोग स्वीकारिणी,

त्याग धर्म मूर्ति धरी की ॥



आरती श्री जनक दुलारी की ।

सीता जी रघुवर प्यारी की ॥



विमल कीर्ति सब लोकन छाई,

नाम लेत पवन मति आई,

सुमीरात काटत कष्ट दुख दाई,

शरणागत जन भय हरी की ॥



आरती श्री जनक दुलारी की ।

सीता जी रघुवर प्यारी की ॥

मंत्र: माँ गायत्री (Maa Gayatri)

श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है। (Shri Radhe Govinda Man Bhaj Le Hari Ka Pyara Naam Hai)

संकटा माता व्रत कथा (Sankata Mata Vrat Katha)

ओम अनेक बार बोल! (Om Anek Bar Bol Prem Ke Prayogi)

भजन: लेके गौरा जी को साथ भोले-भाले भोले नाथ! (Leke Gaura Ji Ko Sath Bhole Bhale Bhole Nath)

अयोध्या नाथ से जाकर पवनसुत हाल कह देना: भजन (Ayodhya Nath Se Jakar Pawansut Hal Kah Dena )

भागवत कथा प्रसंग: कुंती ने श्रीकृष्ण से दुख क्यों माँगा? (Kunti Ne Shrikrishna Se Upahar Mein Dukh Kyon Manga)

श्याम के बिना तुम आधी: भजन (Shyam Ke Bina Tum Aadhi)

बाल लीला: राधिका गोरी से बिरज की छोरी से.. (Bal Leela Radhika Gori Se Biraj Ki Chori Se)

मंत्र: महामृत्युंजय मंत्र, संजीवनी मंत्र, त्रयंबकम मंत्र (Mahamrityunjay Mantra)

विन्ध्येश्वरी आरती: सुन मेरी देवी पर्वतवासनी (Sun Meri Devi Parvat Vasani)

ऋण मोचक मङ्गल स्तोत्रम् (Rin Mochan Mangal Stotram)