भजन: अमृत बेला गया आलसी सो रहा बन आभागा ! (Bhajan: Amrit Bela Geya Aalasi So Raha Ban Aabhaga)
बेला अमृत गया,
आलसी सो रहा बन आभागा,
साथी सारे जगे, तू न जागा,
बेला अमृत गया,
आलसी सो रहा, बन आभागा,
साथी सारे जगे, तू न जागा,
झोलियाँ भर रहै भाग्य वाले,
लाख पतितो ने जीवन सम्भाले,
रंक राजा बने, प्रभु रस में सने, कष्ट भागा,
साथी सारे जगे, तू न जागा,
॥ बेला अमृत गया...॥
प्रभु कृपा से नर तन यह पाया,
आलसी बनकर यूँ ही गँवाया
उल्टी हो गई मती,
कर ली अपनी छती, चोला त्यागा,
साथी सारे जगे, तू न जागा,
॥ बेला अमृत गया...॥
स्वास एक एक अनमोल बीता,
अमृत के बदले विष को तू पीता,
सौदा घाटे का कर,
हाथ माथे पे धर, रोने लगा,
साथी सारे जगे, तू न जागा,
॥ बेला अमृत गया...॥
मानव कुछ भी न तूने बिचारा,
सिर से ऋषियो का ऋण न उतारा,
गुरु का नाम न लिया,
गंदा पानी पीया, बन के कागा,
साथी सारे जगे, तू न जागा,
॥ बेला अमृत गया...॥
बेला अमृत गया,
आलसी सो रहा, बन आभागा,
साथी सारे जगे, तू न जागा,
विधाता तू हमारा है: प्रार्थना (Vidhata Tu Hamara Hai: Prarthana)
श्री झूलेलाल आरती- ॐ जय दूलह देवा! (Shri Jhulelal Om Jai Doolah Deva)
आजा.. नंद के दुलारे हो..हो..: भजन (Ajaa Nand Ke Dulare)
प्रेरक कथा: नारायण नाम की महिमा! (Prerak Katha Narayan Nam Ki Mahima)
करो हरी का भजन प्यारे, उमरिया बीती जाती हे (Karo Hari Ka Bhajan Pyare, Umariya Beeti Jati Hai)
पत्नीं मनोरमां देहि - सुंदर पत्नी प्राप्ति मंत्र (Patni Manoraman Dehi)
Ashadha Sankashti Ganesh Chaturthi Vrat Katha (Ashadha Sankashti Ganesh Chaturthi Vrat Katha)
जगत के रंग क्या देखूं: भजन (Jagat Ke Rang Kya Dekhun)
अपरा / अचला एकादशी व्रत कथा (Apara / Achala Ekadashi Vrat Katha)
होली भजन: फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद किशोर (Holi Bhajan: Faag Khelan Barasane Aaye Hain Natwar Nand Kishore)
भजन: गाइये गणपति जगवंदन (Gaiye Ganpati Jagvandan)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 3 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 3)