भजन: अमृत बेला गया आलसी सो रहा बन आभागा ! (Bhajan: Amrit Bela Geya Aalasi So Raha Ban Aabhaga)
बेला अमृत गया,
आलसी सो रहा बन आभागा,
साथी सारे जगे, तू न जागा,
बेला अमृत गया,
आलसी सो रहा, बन आभागा,
साथी सारे जगे, तू न जागा,
झोलियाँ भर रहै भाग्य वाले,
लाख पतितो ने जीवन सम्भाले,
रंक राजा बने, प्रभु रस में सने, कष्ट भागा,
साथी सारे जगे, तू न जागा,
॥ बेला अमृत गया...॥
प्रभु कृपा से नर तन यह पाया,
आलसी बनकर यूँ ही गँवाया
उल्टी हो गई मती,
कर ली अपनी छती, चोला त्यागा,
साथी सारे जगे, तू न जागा,
॥ बेला अमृत गया...॥
स्वास एक एक अनमोल बीता,
अमृत के बदले विष को तू पीता,
सौदा घाटे का कर,
हाथ माथे पे धर, रोने लगा,
साथी सारे जगे, तू न जागा,
॥ बेला अमृत गया...॥
मानव कुछ भी न तूने बिचारा,
सिर से ऋषियो का ऋण न उतारा,
गुरु का नाम न लिया,
गंदा पानी पीया, बन के कागा,
साथी सारे जगे, तू न जागा,
॥ बेला अमृत गया...॥
बेला अमृत गया,
आलसी सो रहा, बन आभागा,
साथी सारे जगे, तू न जागा,
श्री झूलेलाल आरती- ॐ जय दूलह देवा! (Shri Jhulelal Om Jai Doolah Deva)
गोविंद चले चरावन धेनु (Govind Chale Charaavan Dhenu)
आरती: जय जय तुलसी माता (Aarti: Jai Jai Tulsi Mata)
क्षमा करो तुम मेरे प्रभुजी: भजन (Kshama Karo Tum Mere Prabhuji)
होली खेलन आयो श्याम, आज: होली भजन (Holi Khelan Aayo Shyam, Aaj)
भजन: किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए.. (Kishori Kuch Aisa Intazam Ho Jaye)
भजन: ना जाने कौन से गुण पर, दयानिधि रीझ जाते हैं! (Na Jane Kaun Se Gun Par Dayanidhi Reejh Jate Hain)
राम नाम लड्डू, गोपाल नाम घी.. (Ram Naam Ladd, Gopal Naam Gee)
जन्माष्टमी भजन: यगोविंदा आला रे आला... (Govinda Aala Re Aala)
दूसरों का दुखड़ा दूर करने वाले: भजन (Doosron Ka Dukhda Door Karne Wale)
अहोई अष्टमी व्रत कथा (Ahoi Ashtami Vrat Katha)
कभी राम बनके, कभी श्याम बनके भजन (Bhajan: Kabhi Ram Banake Kabhi Shyam Banake)