शंकर तेरी जटा से बहती है गंग धारा (Shankar Teri Jata Se Behti Hai Gang Dhara)
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा
काली घटा में चमके,
जैसे कोई सितारा ।
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा
काली घटा में चमके,
जैसे कोई सितारा ।
जय जय भोलेनाथ भंडारी,
जय जय नीलकंठ त्रिपुरारी ।
शेश नाग मस्तक पर सोहे,
गल मुंडन की माला मोहे,
नंदी गण गौरा संग साजे,
गणपति लाल दुलारा ।
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा
काली घटा में चमके,
जैसे कोई सितारा ।
जय जय भोलेनाथ भंडारी,
जय जय नीलकंठ त्रिपुरारी ।
योगनियाँ संग शोर मचावे,
तांडव नाच करे सब गावे,
हर हर महादेव पुकारे,
जय जय शिव ॐकारा,
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा
काली घटा में चमके,
जैसे कोई सितारा ।
जय जय भोलेनाथ भंडारी,
जय जय नीलकंठ त्रिपुरारी ।
आक धतूरा खाने वाले,
विष का प्याला पीने वाले,
विशवनाथ और अमरनाथ में,
मुक्ति का तेरा द्वारा ।
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा
काली घटा में चमके,
जैसे कोई सितारा ।
जय जय भोलेनाथ भंडारी,
जय जय नीलकंठ त्रिपुरारी ।
जानकी स्तुति - भई प्रगट कुमारी (Janaki Stuti - Bhai Pragat Kumari)
एकादशी माता की आरती (Ekadashi Mata Ki Aarti)
आज बिरज में होरी रे रसिया: होली भजन (Aaj Biraj Mein Hori Re Rasiya)
जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया.. (Jail Main Prakate Krishn Kanhaiya)
भेजा है बुलावा, तूने शेरा वालिए: भजन (Bheja Hai Bulava Tune Shera Waliye)
माँ बगलामुखी अष्टोत्तर-शतनाम-स्तोत्रम् (Maa Baglamukhi Ashtottara Shatnam Stotram)
दामोदर अष्टकम (Damodarastakam)
भजन: खाटू का राजा मेहर करो (Khatu Ka Raja Mehar Karo)
आदित्य-हृदय स्तोत्र (Aditya Hridaya Stotra)
सर्व भयानक रोग नाशक मंत्र (Sarv Bhayanak Rog Nashak Mantra)
हे दयामय आप ही संसार के आधार हो। (Hey Dayamay Aap Hi Sansar Ke Adhar Ho)
भजन: पायो जी मैंने राम रतन धन पायो। (Bhajan: Piyo Ji Maine Ram Ratan Dhan Payo)