राम को देख कर के जनक नंदिनी: भजन (Ram Ko Dekh Ke Janak Nandini)
राम को देख कर के जनक नंदिनी,
बाग में वो खड़ी की खड़ी रह गयी।
राम देखे सिया को सिया राम को,
चारो अँखिआ लड़ी की लड़ी रह गयी॥
यज्ञ रक्षा में जा कर के मुनिवर के संग,
ले धनुष दानवो को लगे काटने।
एक ही बाण में ताड़का राक्षसी,
गिर जमी पर पड़ी की पड़ी रह गयी॥
राम को मन के मंदिर में अस्थान दे
कर लगी सोचने मन में यह जानकी।
तोड़ पाएंगे कैसे यह धनुष कुंवर,
मन में चिंता बड़ी की बड़ी रह गयी॥
विश्व के सारे राजा जनकपुर में जब,
शिव धनुष तोड़ पाने में असफल हुए।
तब श्री राम ने तोडा को दंड को,
सब की आँखे बड़ी की बड़ी रह गयी॥
तीन दिन तक तपस्या की रघुवीर ने,
सिंधु जाने का रास्ता न उनको दिया।
ले धनुष राम जी ने की जब गर्जना,
उसकी लहरे रुकी की रह गयी॥
श्री कृष्णाष्टकम् - आदि शंकराचार्य (Krishnashtakam By Adi Shankaracharya)
श्री युगलाष्टकम् - कृष्ण प्रेममयी राधा (Yugal Ashtakam - Krishna Premayi Radha)
मंत्र: शांति पाठ (Shanti Path)
भजन: मानो तो मैं गंगा माँ हूँ.. (Mano Toh Main Ganga Maa Hun)
हिम्मत ना हारिए, प्रभु ना बिसारिए: भजन (Himmat Na Hariye, Prabhu Na Bisraiye)
तू शब्दों का दास रे जोगी: भजन (Tu Sabdon Ka Das Re Jogi)
श्री कुबेर जी आरती - जय कुबेर स्वामी (Shri Kuber Aarti, Jai Kuber Swami)
श्री चित्रगुप्त जी की आरती - श्री विरंचि कुलभूषण (Shri Chitragupt Aarti - Shri Viranchi Kulbhusan)
कृपा की न होती जो, आदत तुम्हारी: भजन (Kirpa Ki Na Hoti Jo Addat Tumhari)
राम सीता और लखन वन जा रहे! (Ram Sita Aur Lakhan Van Ja Rahe)
दे दो अपनी पुजारन को वरदान माँ: भजन (Dedo Apni Pujarin Ko Vardan Maa)
Ashadha Sankashti Ganesh Chaturthi Vrat Katha (Ashadha Sankashti Ganesh Chaturthi Vrat Katha)