श्रीदेवीजी की आरती - जगजननी जय! जय! (Shri Deviji Ki Aarti - Jaijanani Jai Jai)
जगजननी जय! जय!! (मा! जगजननी जय! जय!!) ।
भयहारिणि, भवतारिणि, भवभामिनि जय! जय ॥
॥ जगजननी जय जय..॥
तू ही सत-चित-सुखमय शुद्ध ब्रह्मरूपा ।
सत्य सनातन सुन्दर पर-शिव सुर-भूपा ॥
॥ जगजननी जय जय..॥
आदि अनादि अनामय अविचल अविनाशी ।
अमल अनन्त अगोचर अज आनँदराशी ॥
॥ जगजननी जय जय..॥
अविकारी, अघहारी, अकल, कलाधारी ।
कर्त्ता विधि, भर्त्ता हरि, हर सँहारकारी ॥
॥ जगजननी जय जय..॥
तू विधिवधू, रमा, तू उमा, महामाया ।
मूल प्रकृति विद्या तू, तू जननी, जाया ॥
॥ जगजननी जय जय..॥
राम, कृष्ण तू, सीता, व्रजरानी राधा ।
तू वांछाकल्पद्रुम, हारिणि सब बाधा ॥
॥ जगजननी जय जय..॥
दश विद्या, नव दुर्गा, नानाशस्त्रकरा ।
अष्टमातृका, योगिनि, नव नव रूप धरा ॥
॥ जगजननी जय जय..॥
तू परधामनिवासिनि, महाविलासिनि तू ।
तू ही श्मशानविहारिणि, ताण्डवलासिनि तू ॥
॥ जगजननी जय जय..॥
सुर-मुनि-मोहिनि सौम्या तू शोभाऽऽधारा ।
विवसन विकट-सरुपा, प्रलयमयी धारा ॥
॥ जगजननी जय जय..॥
तू ही स्नेह-सुधामयि, तू अति गरलमना ।
रत्नविभूषित तू ही, तू ही अस्थि-तना ॥
॥ जगजननी जय जय..॥
मूलाधारनिवासिनि, इह-पर-सिद्धिप्रदे ।
कालातीता काली, कमला तू वरदे ॥
॥ जगजननी जय जय..॥
शक्ति शक्तिधर तू ही नित्य अभेदमयी ।
भेदप्रदर्शिनि वाणी विमले! वेदत्रयी ॥
॥ जगजननी जय जय..॥
हम अति दीन दुखी मा! विपत-जाल घेरे ।
हैं कपूत अति कपटी, पर बालक तेरे ॥
॥ जगजननी जय जय..॥
निज स्वभाववश जननी! दयादृष्टि कीजै ।
करुणा कर करुणामयि! चरण-शरण दीजै ॥
॥ जगजननी जय जय..॥
सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को: भजन (Suraj Ki Garmi Se Jalte Hue Tan Ko)
ऐसा प्यार बहा दे मैया: भजन (Aisa Pyar Baha De Maiya)
षटतिला एकादशी व्रत कथा (Shat Tila Ekadashi Vrat Katha)
जय रघुनन्दन, जय सिया राम: भजन (Jai Raghunandan Jai Siya Ram Bhajan)
पार्श्व एकादशी व्रत कथा! (Parshva Ekadashi Vrat Katha)
हमें गुरुदेव तेरा सहारा न मिलता (Hame Gurudev Tera Sahara Na Milata)
श्री लक्ष्मी के 108 नाम - श्रीलक्ष्मीष्टोत्तरशतनामावलिः (108 Mata Lakshmi Names)
कभी राम बनके, कभी श्याम बनके भजन (Bhajan: Kabhi Ram Banake Kabhi Shyam Banake)
चलो शिव शंकर के मंदिर में भक्तो: भजन (Chalo Shiv Shankar Ke Mandir Me Bhakto)
श्री दशावतार स्तोत्र: प्रलय पयोधि-जले (Dashavtar Stotram: Pralay Payodhi Jale)
जय राधे, जय कृष्ण, जय वृंदावन: भजन (Jaya Radhe Jaya Krishna Jaya Vrindavan)
माँ तुलसी अष्टोत्तर-शतनाम-नामावली (Tulsi Ashtottara Shatnam Namavali)