कनक भवन दरवाजे पड़े रहो: भजन (Kanak Bhawan Darwaje Pade Raho)

पूज्य स्वामी राजेश्वरानंद जी महाराज एक बहुत अच्छे छंद, चौपाइयां, पद्य, कविताएं एवं भजन लेखक थे।



प्रभु श्रीसीतारामजी काटो कठिन कलेश

कनक भवन के द्वार पे परयो दीन राजेश



कनक भवन दरवाजे पड़े रहो

जहाँ सियारामजी विराजे पड़े रहो

कनक भवन दरवाजे पड़े रहो

जहाँ सियारामजी विराजे पड़े रहो



सुघर सोपान सो द्वार सुहावे

छटा मनोहर मोहे मन भावे

सुन्दर शोभा साजे पड़े रहो

कनक भवन दरवाजे पड़े रहो

जहाँ सियारामजी विराजे पड़े रहो



आवत जात संत जन दर्शत

दर्शन करि के सुजन मन हर्षत

देखत कलि मल भागे पड़े रहो

कनक भवन दरवाजे पड़े रहो

जहाँ सियारामजी विराजे पड़े रहो



अवधविहारी सिंघासन सोहे

संग श्रीजनकलली मन मोहे

अति अनुपम छवि छाजे पड़े रहो

कनक भवन दरवाजे पड़े रहो

जहाँ सियारामजी विराजे पड़े रहो



श्रीसियाराम रूप हिय हारि

लखि राजेश जाए बलिहारी

कोटि काम रति लाजे पड़े रहो

कनक भवन दरवाजे पड़े रहो

जहाँ सियारामजी विराजे पड़े रहो



कनक भवन दरवाजे पड़े रहो

जहाँ सियारामजी विराजे पड़े रहो

कनक भवन दरवाजे पड़े रहो

जहाँ सियारामजी विराजे पड़े रहो

न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ: कामना (Na Dhan Dharti Na Dhan Chahata Hun: Kamana)

भजन: मेरो मॅन लग्यॉ बरसाने मे (Mero Man Lagyo Barsane Mei Jaha Viraje Radharani)

भजन: झूलन चलो हिंडोलना, वृषभान नंदनी (Jjhulan Chalo Hindolana Vrashbhanu Nandni)

श्री गोवर्धन वासी सांवरे लाल: भजन (Shri Govardhan Wasi Sanwarey Lal)

जबसे बरसाने में आई, मैं बड़ी मस्ती में हूँ! (Jab Se Barsane Me Aayi Main Badi Masti Me Hun)

जैसे तुम सीता के राम: भजन (Jaise Tum Sita Ke Ram)

भजन: गणपति आज पधारो, श्री रामजी की धुन में (Ganapati Aaj Padharo Shri Ramaji Ki Dhun Me)

भजन: तुम से लागी लगन.. पारस प्यारा (Tumse Lagi Lagan Le Lo Apni Sharan Paras Pyara)

सुबह सुबह ले शिव का नाम: भजन (Subah Subah Le Shiv Ka Naam)

पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 2 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 2)

कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना! (Kaise Jiun Main Radha Rani Tere Bina)

पापमोचनी एकादशी व्रत कथा (Papmochani Ekadashi Vrat Katha)