श्री भैरव देव जी आरती (Aart: Shri Bhairav Ji)
जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा ।
जय काली और गौर देवी कृत सेवा ॥
॥ जय भैरव देवा...॥
तुम्ही पाप उद्धारक दुःख सिन्धु तारक ।
भक्तो के सुख कारक भीषण वपु धारक ॥
॥ जय भैरव देवा...॥
वाहन श्वान विराजत कर त्रिशूल धारी ।
महिमा अमित तुम्हारी जय जय भयहारी ॥
॥ जय भैरव देवा...॥
तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होवे ।
चौमुख दीपक दर्शन दुःख खोवे ॥
॥ जय भैरव देवा...॥
तेल चटकी दधि मिश्रित भाषावाली तेरी ।
कृपा कीजिये भैरव, करिए नहीं देरी ॥
॥ जय भैरव देवा...॥
पाँव घुँघरू बाजत अरु डमरू दम्कावत ।
बटुकनाथ बन बालक जल मन हरषावत ॥
॥ जय भैरव देवा...॥
बटुकनाथ जी की आरती जो कोई नर गावे ।
कहे धरनी धर नर मनवांछित फल पावे ॥
॥ जय भैरव देवा...॥
राम ना मिलेगे हनुमान के बिना: भजन (Bhajan: Ram Na Milege Hanuman Ke Bina)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 30 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 30)
माता सीता अष्टोत्तर-शतनाम-नामावली (Sita Ashtottara Shatnam Namavali)
मधुराष्टकम्: अधरं मधुरं वदनं मधुरं - श्रीवल्लभाचार्य कृत (Madhurashtakam Adhram Madhuram Vadnam Madhuram)
मेरे सरकार का, दीदार बड़ा प्यारा है: भजन (Mere Sarkar Ka Didar Bada Pyara Hai)
रोहिणी शकट भेदन, दशरथ रचित शनि स्तोत्र कथा (Rohini Shakat Bhed Dasharath Rachit Shani Stotr Katha)
रघुपति राघव राजाराम: भजन (Raghupati Raghav Raja Ram)
कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 3 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 3)
जय जय शनि देव महाराज: भजन (Aarti Jai Jai Shanidev Maharaj)
श्री बद्रीनाथजी की आरती (Shri Badrinath Aarti)
मंत्र: शांति पाठ (Shanti Path)
भजन: कृपालु भगवन् कृपा हो करते (Krapalu Bhagwan Kriya Ho Karte)