मंत्र: शांति पाठ (Shanti Path)
शांति मंत्र शांति के लिए की जाने वाली हिंदू प्रार्थना है, आमतौर पर धार्मिक पूजाओं, अनुष्ठानों और प्रवचनों के अंत में यजुर्वेद के इस मंत्र का प्रयोग किया जाता है।
ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्षँ शान्ति:,
पृथ्वी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति: ।
वनस्पतय: शान्तिर्विश्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति:,
सर्वँ शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति:, सा मा शान्तिरेधि ॥
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति: ॥
हिन्दी रूपांतरण:
शान्ति: कीजिये, प्रभु त्रिभुवन में, जल में, थल में और गगन में,
अन्तरिक्ष में, अग्नि पवन में, औषधि, वनस्पति, वन, उपवन में,
सकल विश्व में अवचेतन में!
शान्ति राष्ट्र-निर्माण सृजन, नगर, ग्राम और भवन में
जीवमात्र के तन, मन और जगत के हो कण कण में,
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥
होली खेल रहे नंदलाल: होली भजन (Holi Bhajan: Holi Khel Rahe Nandlal)
श्रीषङ्गोस्वाम्यष्टकम् (Sri Sad-Goswamyastakam)
हाथी का शीश ही क्यों श्रीगणेश के लगा? (Hathi Ka Sheesh Hi Kiyon Shri Ganesh Ke Laga?)
जय राधे, जय कृष्ण, जय वृंदावन: भजन (Jaya Radhe Jaya Krishna Jaya Vrindavan)
भजन: नाचे नन्दलाल, नचावे हरि की मईआ! (Bhajan: Nache Nandlal Nachave Hari Ki Maiya)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 1 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 1)
जागो वंशीवारे ललना, जागो मोरे प्यारे: भजन (Jago Bansivare Lalna Jago More Pyare)
मुझे अपनी शरण में ले लो राम: भजन (Mujhe Apni Sharan Me Lelo Ram)
भजन: बांटो बांटो मिठाई मनाओ ख़ुशी (Banto Banto Mithai Manao Khushi)
नाकोड़ा के भैरव तुमको आना होगा: भजन (Nakoda Ke Bhairav Tumko Aana Hoga)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा (Purushottam Mas Mahatmya Katha)
भजन: द्वार पे गुरुदेव के हम आगए (Dwar Pe Gurudev Ke Ham Aagaye)