जय जय शनि देव महाराज: भजन (Aarti Jai Jai Shanidev Maharaj)

जय जय शनि देव महाराज,

जन के संकट हरने वाले ।



तुम सूर्य पुत्र बलिधारी,

भय मानत दुनिया सारी ।

साधत हो दुर्लभ काज ॥



तुम धर्मराज के भाई,

जब क्रूरता पाई ।

घन गर्जन करते आवाज ॥

जय जय शनि देव महाराज..॥



तुम नील देव विकराली,

है साँप पर करत सवारी ।

कर लोह गदा रह साज ॥

जय जय शनि देव महाराज..॥



तुम भूपति रंक बनाओ,

निर्धन स्रछंद्र घर आयो ।

सब रत हो करन ममताज ॥

जय जय शनि देव महाराज..॥



राजा को राज मितयो,

निज भक्त फेर दिवायो ।

जगत में हो गयी जय जयकार ॥

जय जय शनि देव महाराज..॥



तुम हो स्वामी हम चरणं,

सिर करत नमामी जी ।

पूर्ण हो जन जन की आस ॥

जय जय शनि देव महाराज..॥



जहाँ पूजा देव तिहारी,

करें दीन भाव ते पारी ।

अंगीकृत करो कृपाल ॥

जय जय शनि देव महाराज..॥



कब सुधि दृष्टि निहरो,

छमीये अपराध हमारो ।

है हाथ तिहारे लाज ॥

जय जय शनि देव महाराज..॥



हम बहुत विपत्ति घबराए,

शरणागत तुम्हरी आये ।

प्रभु सिद्ध करो सब काज ॥

जय जय शनि देव महाराज..॥



यहाँ विनय करे कर जोर के,

भक्त सुनावे जी ।

तुम देवन के सिरताज ॥

जय जय शनि देव महाराज..॥



जय जय शनि देव महाराज,

जन के संकट हरने वाले ।

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