रघुपति राघव राजाराम: भजन (Raghupati Raghav Raja Ram)
भगवान श्री हरि के मानव अवतार पुरुषोत्तम श्री राम को समर्पित यह भजन
श्री लक्ष्माचर्या
द्वारा रचित
श्री नम: रामायणम्
का एक अंश है।
स्वतंत्रता आंदोलन
के दौरान यह भजन
महात्मा गांधी
के दैनिक पूजा मे सम्मलित होने के कारण अत्यधिक प्रसिद्ध हुआ।
गाँधी जी इस मूल भजन की 1-2 पंक्तियों को स्वतंत्रता आंदोलन मे अपनी भागीदारी के अनुसार परवर्तित करके गाया करते थे। यह
भजन शांति, सद्भावना एवं भाई चारे
की भावना को प्रेरित करने हेतु अत्यधिक गाया जाता है।
रघुपति राघव राजाराम
पतित पावन सीताराम ॥
सुंदर विग्रह मेघश्याम
गंगा तुलसी शालग्राम ॥
रघुपति राघव राजाराम
पतित पावन सीताराम ॥
भद्रगिरीश्वर सीताराम
भगत-जनप्रिय सीताराम ॥
रघुपति राघव राजाराम
पतित पावन सीताराम ॥
जानकीरमणा सीताराम
जयजय राघव सीताराम ॥
रघुपति राघव राजाराम
पतित पावन सीताराम ॥
रघुपति राघव राजाराम
पतित पावन सीताराम ॥
- श्री लक्ष्माचर्या [श्री नम: रामायणम् से]
मोक्षदा एकादशी व्रत कथा (Mokshada Ekadashi Vrat Katha)
मंत्र: शांति पाठ (Shanti Path)
तू प्यार का सागर है (Tu Pyar Ka Sagar Hai)
श्याम के बिना तुम आधी: भजन (Shyam Ke Bina Tum Aadhi)
श्री राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे (Shri Ram Raameti Raameti, Rame Raame Manorame)
श्री गणेश आरती (Shri Ganesh Aarti)
भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे: भजन (Bhor Bhai Din Chad Gaya Meri Ambey)
भजन: धरा पर अँधेरा बहुत छा रहा है (Bhajan: Dhara Par Andhera Bahut Chha Raha Hai)
जन्माष्टमी भजन: बड़ा नटखट है रे, कृष्ण कन्हैया! (Bada Natkhat Hai Re Krishn Kanhaiya)
भैया दूज पौराणिक कथा (Bhaiya Dooj Pauranik Katha)
धर्मराज आरती - ॐ जय धर्म धुरन्धर (Dharmraj Ki Aarti - Om Jai Dharm Dhurandar)
जगदीश ज्ञान दाता: प्रार्थना (Jagadish Gyan Data: Prarthana)