भजन: पूछ रही राधा बताओ गिरधारी (Pooch Rahi Radha Batao Girdhari)

पूछ रही राधा बताओ गिरधारी,

मैं लगु प्यारी या बंसी है प्यारी ।



गोकुल में छुप छुप के माखन चुरायो,

ग्वाल वाल संग मिल बाँट के खायो ।

दर्शन की प्यासी ये राधा वेचारी,

मैं लगु प्यारी या बंसी है प्यारी ।



पूछ रही राधा बताओ गिरधारी,

मैं लगु प्यारी या बंसी है प्यारी ।



दिन सारा घूम बिन दामन भटको,

मुझसे दूर दूर रह तुम छतक्यों ।

अच्छी लगी तुम को ये ग्वालिन की गाड़ी,

मैं लगु प्यारी या बंसी है प्यारी ।



पूछ रही राधा बताओ गिरधारी,

मैं लगु प्यारी या बंसी है प्यारी ।



कान्हा तेरे बोले से मधु कप क्त है,

संवारी सूरतियाँ से रस बरसत है ।

श्याम का है देते मेरी सुध विसारी,

मैं लगु प्यारी या बंसी है प्यारी ।



पूछ रही राधा बताओ गिरधारी,

मैं लगु प्यारी या बंसी है प्यारी ।