जगदीश ज्ञान दाता: प्रार्थना (Jagadish Gyan Data: Prarthana)
जगदीश ज्ञान दाता, सुख मूल शोकहारी ।
भगवन् ! तुम्हीं सदा हो, निष्पक्ष न्यायकारी ॥
सब काल सर्व ज्ञाता, सविता पिता विधाता ।
सब में रमे हुए हो, विश्व के बिहारी ॥
कर दो बलिष्ठ आत्मा, घबरायें न दुःखों से ।
कठिनाइयों का जिससे, तर जायें सिन्धु भारी ॥
निश्चय दया करोगे, हम मांगते यही हैं ।
हमको मिले स्वयम् ही, उठने की शक्ति सारी ॥
जगदीश ज्ञान दाता, सुख मूल शोकहारी ।
भगवन् ! तुम्हीं सदा हो, निष्पक्ष न्यायकारी ॥
कृष्ण जिनका नाम है: भजन (Krishna Jinka Naam Hai Gokul Jinka Dham Hai Bhajan)
कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं: भजन (Kabhi Pyase Ko Pani Pilaya Nahi)
कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 11 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 11)
उड़े उड़े बजरंगबली, जब उड़े उड़े: भजन (Ude Ude Bajrangbali, Jab Ude Ude)
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी: भजन (Darshan Do Ghansyam Nath Mori Akhiyan Pyasi Re)
भजन: मन तड़पत हरि दर्शन को आज (Mann Tarpat Hari Darshan Ko Aaj)
ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र (Rin Harta Shri Ganesh Stotra)
बारिशों की छम छम में - नवरात्रि भजन (Barisho Ki Cham Cham Mein)
जन्माष्टमी भजन: बड़ा नटखट है रे, कृष्ण कन्हैया! (Bada Natkhat Hai Re Krishn Kanhaiya)
कई जन्मों से बुला रही हूँ: भजन (Kai Janmo Se Bula Rahi Hun)
जगन्नाथ मंगल आरती (Jagannath Mangal Aarti)
येषां न विद्या न तपो न दानं... (Yeshaan Na Vidya Na Tapo Na Danan)