श्री पंच-तत्व प्रणाम मंत्र (Panch Tattva Pranam Mantra)
श्री कृष्ण चैतन्य नाम धुन संकीर्तन, इस्कान द्वारा मनन करने वाली प्रसिद्ध धुन।
(जय) श्रीकृष्णचैतन्य प्रभु नित्यानंद ।
श्री अद्वैत गदाधर श्रीवासादि गौर भक्तवृंद ॥
सबसे ऊंची प्रेम सगाई: भजन (Bhajan: Sabse Unchi Prem Sagai)
अहं ब्रह्मास्मि महावाक्य (Aham Brahmasmi)
भजन: मुझे तूने मालिक, बहुत कुछ दिया है। (Mujhe Tune Malik Bahut Kuch Diya Hai)
मीरा दीवानी हो गयी रे..: भजन (Meera Deewani Ho Gayi Re..)
जग में सुन्दर है दो नाम... (Jag Main Sundar Hain Do Naam)
मैं ढूँढता तुझे था: प्रार्थना (Mai Dhundta Tujhe Tha: Prarthana)
हरि नाम नहीं तो जीना क्या: भजन (Hari Nam Nahi Too Jeena Kya)
भजन: ओ गंगा तुम, गंगा बहती हो क्यूँ? (Bhajan: Ganga Behti Ho Kiyon)
आरती सरस्वती जी: ओइम् जय वीणे वाली (Saraswati Om Jai Veene Wali)
मंगल को जन्मे, मंगल ही करते: भजन (Mangal Ko Janme Mangal Hi Karte)
भजन: लाड़ली अद्भुत नजारा, तेरे बरसाने में है (Ladli Adbhut Nazara, Tere Barsane Me Hai)
कब दर्शन देंगे राम परम हितकारी: भजन (Kab Darshan Denge Ram Param Hitkari)