आदियोगी - दूर उस आकाश की गहराइयों में (Adiyogi The Source Of Yoga)

आदियोगी - The Source of Yoga



दूर उस आकाश की गहराइयों में,

एक नदी से बह रहे हैं आदियोगी,

शून्य सन्नाटे टपकते जा रहे हैं,

मौन से सब कह रहे हैं आदियोगी,

योग के स्पर्श से अब योगमय करना है तन-मन,

साँस सास्वत सनन सनननन,

प्राण गुंजन धनन धन-धन,

उतरे मुझमे आदियोगी,

योग धारा चलत छण छण,

साँस सास्वत सनन सनननन,

प्राण गुंजन धनन धन-धन,

उतरे मुझमे आदियोगी,

उतरे मुझमे आदियोगी..



पीस दो अस्तित्व मेरा,

और कर दो चूरा चूरा,

पूर्ण होने दो मुझे और,

होने दो अब पूरा पूरा,

भस्म वाली रस्म कर दो आदियोगी,

योग उत्सव रंग भर दो आदियोगी,

बज उठे यह मन सितरी,

झणन झणन झणन झणन झन झन,



साँस सास्वत सनन सनननन,

प्राण गुंजन धनन धन-धन..

साँस सास्वत सनन सनननन,

प्राण गुंजन धनन धन-धन..



साँस सास्वत सनन सनननन,

प्राण गुंजन धनन धन-धन..



साँस सास्वत..

प्राण गुंजन..



उतरे मुझमे आदियोगी,

योग धारा छलक छन छन,

साँस सास्वत सनन सनननन,

प्राण गुंजन धनन धन-धन,

उतरे मुझमे आदियोगी..

उतरे मुझमे आदियोगी..




गीत
- प्रसून जोशी,
ध्वनि एवं रचना
- कैलाश खेर

आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन: भोग आरती (Aao Bhog Lagao Mere Mohan: Bhog Aarti)

तुम बिन मोरी कौन खबर ले गोवर्धन गिरधारी: श्री कृष्ण भजन (Tum Bin Mori Kaun Khabar Le Govardhan Girdhari)

शिवाष्ट्कम्: जय शिवशंकर, जय गंगाधर.. पार्वती पति, हर हर शम्भो (Shivashtakam: Jai ShivShankar Jai Gangadhar, Parvati Pati Har Har Shambhu)

ले चल अपनी नागरिया, अवध बिहारी साँवरियाँ: भजन (Le Chal Apni Nagariya, Avadh Bihari Sanvariya)

बोल राधे, बोल राधे: भजन (Bol Radhey, Bol Radhey)

धर्मराज आरती - ॐ जय धर्म धुरन्धर (Dharmraj Ki Aarti - Om Jai Dharm Dhurandar)

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 8 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 8)

देवशयनी एकादशी व्रत कथा! (Devshayani Ekadashi Vrat Katha)

गुरुदेव आरती - श्री नंगली निवासी सतगुरु (Guru Aarti - Shri Nangli Niwasi Satguru)

ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र (Rin Harta Shri Ganesh Stotra)

श्री युगलाष्टकम् - कृष्ण प्रेममयी राधा (Yugal Ashtakam - Krishna Premayi Radha)

श्री शिवसहस्रनामावली (Shiv 1008 Sahastra Namavali)