रामयुग: जय हनुमान - हर हर है हनुवीर का (Jai Hanuman From Ramyug)
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥
राम दूत अतुलित बल धामा ।
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा ॥
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥
राम दूत अतुलित बल धामा ।
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा ॥
हे हर हर है हनुवीर का
संसार है हनुवीर का
बालकपन नटखटपन,
सूरज का बल चटखारा
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥
राम दूत अतुलित बल धामा ।
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा ॥
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥
राम दूत अतुलित बल धामा ।
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा ॥
सरलता जो शिखर को भी
दुलरा कर ही उठा लाए
निडरता से अमरता से
प्रलय को भी तो भय आए
हर बल इन्हीं से हारा
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥
राम दूत अतुलित बल धामा ।
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा ॥
लेकर अपना नेह नयन
रघुवर का संदेसा लाए
किंतु सिया ने हर सन्सय मे
उपवन के आभास जगाया
बालकपन नटखटपन,
सूरज का बल चटखारा
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥
राम दूत अतुलित बल धामा ।
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा ॥
हे हर हर है हनुवीर का
संसार है हनुवीर का
बालकपन नटखटपन,
सूरज का बल चटखारा
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥
राम दूत अतुलित बल धामा ।
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा ॥
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥
राम दूत अतुलित बल धामा ।
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा ॥
वेब सीरीस: रामयुग
गायक: अमिताभ बच्चन
नृसिंह भगवान की आरती (Narasimha Bhagwan Ki Aarti)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 28 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 28)
भजन करो मित्र मिला आश्रम नरतन का: भजन (Bhajan Karo Mitra Mila Ashram Nartan Ka)
येषां न विद्या न तपो न दानं... (Yeshaan Na Vidya Na Tapo Na Danan)
जगदीश ज्ञान दाता: प्रार्थना (Jagadish Gyan Data: Prarthana)
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी: आरती (Jai Ambe Gauri Maiya Jai Shyama Gauri)
कृष्ण जिनका नाम है: भजन (Krishna Jinka Naam Hai Gokul Jinka Dham Hai Bhajan)
सोहर: जुग जुग जियसु ललनवा (Sohar: Jug Jug Jiya Su Lalanwa Ke)
गुरु स्तुति (Guru Stuti)
भजन: करदो करदो बेडा पार राधे अलबेली सरकार (Kardo Kardo Beda Paar Radhe Albeli Sarkar)
श्री जगन्नाथ अष्टकम (Shri Jagannath Ashtakam)
विसर नाही दातार अपना नाम देहो: शब्द कीर्तन (Visar Nahi Datar Apna Naam Deho)