सोहर: जुग जुग जियसु ललनवा (Sohar: Jug Jug Jiya Su Lalanwa Ke)
जुग जुग जियसु ललनवा,
भवनवा के भाग जागल हो,
ललना लाल होइहे,
कुलवा के दीपक मनवा में,
आस लागल हो ॥
आज के दिनवा सुहावन,
रतिया लुभावन हो,
ललना दिदिया के होरिला जनमले,
होरिलवा बडा सुन्दर हो ॥
नकिया तहवे जैसे बाबुजी के,
अंखिया ह माई के हो
ललन मुहवा ह चनवा सुरुजवा त सगरो,
अन्जोर भइले हो ॥
सासु सुहागिन बड भागिन,
अन धन लुटावेली हो
ललना दुअरा पे बाजेला बधइया,
अन्गनवा उठे सोहर हो ॥
नाची नाची गावेली बहिनिया,
ललन के खेलावेली हो
ललना हंसी हंसी टिहुकी चलावेली,
रस बरसावेली हो ॥
जुग जुग जियसु ललनवा,
भवनवा के भाग जागल हो
ललना लाल होइहे,
कुलवा के दीपक मनवा में,
आस लागल हो ॥
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