भजन: मुझे तूने मालिक, बहुत कुछ दिया है। (Mujhe Tune Malik Bahut Kuch Diya Hai)

मुझे तूने मालिक,

बहुत कुछ दिया है ।

तेरा शुक्रिया है,

तेरा शुक्रिया है ।

तेरा शुक्रिया है,

तेरा शुक्रिया है ।



मुझे तूने मालिक,

बहुत कुछ दिया है ।

तेरा शुक्रिया है,

तेरा शुक्रिया है ।



ना मिलती अगर,

दी हुई दात तेरी ।

तो क्या थी ज़माने में,

औकात मेरी ।

ये बंदा तो तेरे,

सहारे जिया है ।

तेरा शुक्रिया है,

तेरा शुक्रिया है ।

॥ मुझे तूने मालिक...॥



ये जायदाद दी है,

ये औलाद दी है ।

मुसीबत में हर वक़्त,

मदद की है ।

तेरे ही दिया मैंने,

खाया पिया है ।

तेरा शुक्रिया है,

तेरा शुक्रिया है ।

॥ मुझे तूने मालिक...॥



मेरा ही नहीं तू,

सभी का है दाता ।

सभी को सभी कुछ,

है देता दिलाता ।

जो खाली था दामन,

तूने भर दिया है ।

तेरा शुक्रिया है,

तेरा शुक्रिया है ।

॥ मुझे तूने मालिक...॥



तेरी बंदगी से,

मै बंदा हूँ मालिक ।

तेरे ही करम से,

मै जिन्दा हूँ मालिक ।

तुम्ही ने तो जीने के,

काबिल किया है ।

तेरा शुक्रिया है,

तेरा शुक्रिया है ।

॥ मुझे तूने मालिक...॥



मेरा भूल जाना,

तेरा ना भुलाना ।

तेरी रहमतो का,

कहाँ है ठिकाना ।

तेरी इस मोहब्बत ने,

पागल किया है ।

तेरा शुक्रिया है,

तेरा शुक्रिया है ।

॥ मुझे तूने मालिक...॥



मुझे तूने मालिक,

बहुत कुछ दिया है ।

तेरा शुक्रिया है,

तेरा शुक्रिया है ।

तेरा शुक्रिया है,

तेरा शुक्रिया है ।



सीताराम राम राम,

सीताराम राम राम

सीताराम राम राम,

सीताराम राम राम



सीताराम राम राम,

सीताराम राम राम

सीताराम राम राम,

सीताराम राम राम