मेरे राम मेरे घर आएंगे, आएंगे प्रभु आएंगे: भजन (Mere Ram Mere Ghar Ayenge Ayenge Prabhu Ayenge)

श्री राम नवमी, विजय दशमी, सुंदरकांड, रामचरितमानस कथा और अखंड रामायण के पाठ में प्रमुखता से गाये जाने वाला भजन।



मेरे राम मेरे घर आएंगे,

आएंगे प्रभु आएंगे

प्रभु के दर्शन की आस है,

और भीलनी को विशवास है

मेरे राम मेरे घर आएंगे...



अंगना रस्ता रोज बुहार रही,

खड़ी खड़ी वो राह निहार रही

मन में लगन, भीलनी मगन,

भीलनी को भारी चाव है,

और मन में प्रेम का भाव है

मेरे राम मेरे घर आएंगे...



ना जानू सेवा पूजा की रीत,

क्या सोचेंगे मेरे मन के मीत

शर्म आ रही, घबरा रही

वो भोली भाली नार है,

प्रभु को भोलों से प्यार है

मेरे राम मेरे घर आएंगे...



चुन चुन लायी खट्टे मीठे बेर,

आने में क्यों करते हो प्रभु देर

प्रभु आ रहे, मुस्का रहे,

प्रभु के चरणो में गिर पड़ी,

और असुअन की लागी झड़ी

मेरे राम मेरे घर आएंगे...



असुअन से धोए प्रभु जी के पैर,

चख चख कर के खिला रही थी बेर

प्रभु कह रहे, मुस्का रहे

इक प्रेम के वष में राम है,

और प्रेम का यह परिणाम है

मेरे राम मेरे घर आएंगे...



प्रभु तेरी खातिर अटक रहे थे प्राण,

मुक्ति दे दो मुझको कृपा निधान

लेलो शरण, अपनी चरण

शबरी से बोले राम हैं,

जा खुला तेरे लिए धाम है

मेरे राम मेरे घर आएंगे...



जो कोई ढूंढे प्रभु को दिन और रात,

उसे ढूंढ़ते इक दिन दीनानाथ

हरी को भजो, सुमिरन करो,

‘बिन्नू’ यह निश्चय जान लो,

तुम प्रभु को अपना मान लो

मेरे राम मेरे घर आएंगे...