कैलाश के निवासी नमो बार बार हूँ (Kailash Ke Nivasi Namo Bar Bar Hoon)
कैलाश के निवासी नमो बार बार हूँ,
आये शरण तिहारी प्रभु तार तार तू,
भगतो को कभी शिव ने निराश न किया,
माँगा जिसे चाहा वही वरदान दे दियां,
बड़ा है तेरा दायरा बड़ा दातार तू,
आये शरण तिहारी प्रभु तार तार तू,
बखान क्या करू मैं रखो की ढेर का,
चुटकी कबूत में है खजाना कुबेर का,
हे गंगा धार मुक्ति धार ओम कार तू,
आये शरण तिहारी प्रभु तार तार तू,
क्या क्या नहीं दिया है ये हम प्रमाण है,
तेरी किरपा के आसरे सारा जहां है,
ज़हर पिया जीवन दिया कितना उधार तू ,
आये शरण तिहारी प्रभु तार तार तू,
तेरी किरपा बिना न हिले इक भी अड़हु,
लेते है सांस तेरी दया से तनु तनु,
करदे ठाठ इक वार मुझको निहार तू,
आये शरण तिहारी प्रभु तार तार तू,
संकटा माता आरती (Sankata Mata Aarti)
ठुमक चलत रामचंद्र, बाजत पैंजनियां: भजन (Thumak Chalat Ramchandra)
वंदना: ज्ञान का दान ही सबसे बड़ा हैं (Gyan Ka Daan Hi Sabse Bada Hai)
हरि कर दीपक, बजावें संख सुरपति (Hari Kar Deepak Bajave Shankh Surpati)
श्री कृष्ण भजन (Shri Krishna Ke Bhajan)
रम गयी माँ मेरे रोम रोम में: भजन (Ram Gayi Maa Mere Rom Rom Main)
विसर नाही दातार अपना नाम देहो: शब्द कीर्तन (Visar Nahi Datar Apna Naam Deho)
भक्ति की झंकार उर के: प्रार्थना (Bhakti Ki Jhankar Urke Ke Taron Main: Prarthana)
देवोत्थान / प्रबोधिनी एकादशी व्रत कथा (Devutthana Ekadashi Vrat Katha)
जय सन्तोषी माता: आरती (Jai Santoshi Mata Aarti)
तू शब्दों का दास रे जोगी: भजन (Tu Sabdon Ka Das Re Jogi)
अहोई अष्टमी व्रत कथा (Ahoi Ashtami Vrat Katha)