कई जन्मों से बुला रही हूँ: भजन (Kai Janmo Se Bula Rahi Hun)

कई जन्मों से बुला रही हूँ,

कोई तो रिश्ता जरूर होगा,

नजरों से नजरें मिला भी ना पाए,

मेरी नजर का कुसूर होगा ।

कई जन्मो से बुला रही हूँ,

कोई तो रिश्ता जरूर होगा ॥




तुम ही तो मेरे मात पिता हो,


तुम ही तो मेरे बंधु सखा हो,


कितने नाते तुम संग जोडे,


कोई तो रिश्ता जरूर होगा ।

कई जन्मो से बुला रही हूँ,

कोई तो रिश्ता जरूर होगा ॥




तुम ही तो मेरी आत्मा हो,


तुम ही तो मेरे परमात्मा हो,


मुझी में रहकर मुझी से पर्दा,


पर्दा हटाना जरूर होगा ।

कई जन्मो से बुला रही हूँ,

कोई तो रिश्ता जरूर होगा ॥




कभी बुलाते हो वृंदावन में,


कभी बुलाते हो मधुबन में,


अपने घर में रोज बुलाते,


मेरे घर आना जरूर होगा ।

कई जन्मो से बुला रही हूँ,

कोई तो रिश्ता जरूर होगा ॥




आंखों में बस गई तस्वीर तेरी,


दिल मेरा बन गया जागीर तेरी,


दास की विनती तुम्हारे आगे,


दर्श दिखाना जरूर होगा ।

कई जन्मो से बुला रही हूँ,

कोई तो रिश्ता जरूर होगा ॥



कई जन्मों से बुला रही हूँ,

कोई तो रिश्ता जरूर होगा,

नजरों से नजरें मिला भी ना पाए,

मेरी नजर का कुसूर होगा ।

कई जन्मो से बुला रही हूँ,

कोई तो रिश्ता जरूर होगा ॥