जय श्री वल्लभ, जय श्री विट्ठल, जय यमुना श्रीनाथ जी: भजन (Jai Shri Vallabh Jai Shri Vithal, Jai Yamuna Shrinathji)
जय श्री वल्लभ, जय श्री विट्ठल,
जय यमुना श्रीनाथ जी ।
कलियुग का तो जीव उद्धार्या,
मस्तक धरिया हाथ जी ॥
मोर मुकुट और काने कुण्डल,
उर वैजयन्ती माला जी ।
नासिका गज मोती सोहे,
ए छबि जोवा जइये जी ॥
आसपास तो गऊ बिराजे,
गवाल मण्डली साथे जी ।
मुख थी व्हालो वेणु बजावे,
ए छबि जोवा जइये जी ॥
वल्लभ दुर्लभ जग में गाये,
तो भवसागर तर जायें जी ।
माधवदास तो इतना मांगें,
जन्म गोकुल में पाएं जी ॥
जय श्री गिरिधर, जय श्री गोविन्द,
जय श्री बालकृष्ण जी ।
जय श्री गोकुलपते, जय श्री रघुपति,
जय श्री यदुपति, जय श्री घनश्याम जी ॥
श्री गोकुलवारे नाथ जी,
मेरी डोर तुम्हारे नाथ जी ।
जय यमुना श्री गोवर्धन नाथ,
महाप्रभु श्री विट्ठलनाथ ॥
जय जय श्री गोकुलेश,
शेष ना रहे क्लेश ।
श्री वल्लभ जुग जुग राज करो,
श्री विट्ठल जुग जुग राज करो ।
श्री वल्लभ विट्ठल गोपीनाथ,
देवकी नन्दन श्री रघुनाथ ।
श्री यशोदानन्दन नन्दकिशोर,
श्री मुरलीधर माखनचोर ।
सूरदास कृष्णदास जी,
परमानन्ददास कुंभन दास जी ।
चतुर्भुज नन्ददास जी,
छीतस्वामी शी गोविन्द जी ।
श्री वल्लभ देव की जय,
प्राणप्यारे की जय ।
श्री गोवर्धन नाथ की जय,
चौरासी वैष्णव की जय ।
दो सौ बावन भगवदीयन की जय,
अष्टसखान की जय ।
समस्त वल्लभकुल की जय,
समस्त वैष्णवन की जय ।
भजन: बड़ी देर भई, कब लोगे खबर मोरे राम (Bhajan: Badi Der Bhai Kab Loge Khabar More Ram)
मेरा हाथ पकड़ ले रे, कान्हा: भजन (Bhajan Mera Haath Pakad Le Re, Kanha)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 30 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 30)
अजा एकादशी व्रत कथा! (Aja Ekadashi Vrat Katha)
श्रावण संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा (Shravan Sankashti Ganesh Chaturthi Vrat Katha)
मन फूला फूला फिरे जगत में: भजन (Mann Fula Fula Phire Jagat Mein)
कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे! (Kabhi Fursat Ho To Jagdambe)
हे मुरलीधर छलिया मोहन: भजन (Hey Muralidhar Chhaliya Mohan)
श्री विष्णु मत्स्य अवतार पौराणिक कथा (Shri Vishnu Matsyavatar Pauranik Katha)
शीतला अष्टमी व्रत कथा (Sheetala Ashtami Vrat Katha)
भजन: कलियुग में सिद्ध हो देव तुम्हीं! (Bhajan: Kalyug Mein Sidh Ho Dev Tumhin Hanuman)
प्रेम मुदित मन से कहो, राम राम राम: भजन (Prem Mudit Mann Se Kaho, Ram Ram Ram)