हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन: भजन (Bhajan: Hey Dukh Bhanjan Maruti Nandan)

हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,

सुन लो मेरी पुकार ।

पवनसुत विनती बारम्बार ॥



अष्ट सिद्धि, नव निद्दी के दाता,

दुखिओं के तुम भाग्यविदाता ।

सियाराम के काज सवारे,

मेरा करो उधार ॥

पवनसुत विनती बारम्बार ।

॥ हे दुःख भन्जन...॥



अपरम्पार है शक्ति तुम्हारी,

तुम पर रीझे अवधबिहारी ।

भक्ति भाव से ध्याऊं तुम्हे,

कर दुखों से पार ॥

पवनसुत विनती बारम्बार ।

॥ हे दुःख भन्जन...॥



जपूं निरंतर नाम तिहरा,

अब नहीं छोडूं तेरा द्वारा ।

राम भक्त मोहे शरण मे लीजे,

भाव सागर से तार ॥

पवनसुत विनती बारम्बार ।



हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,

सुन लो मेरी पुकार ।

पवनसुत विनती बारम्बार ॥