भजन: हर बात को भूलो मगर.. (Har Baat Ko Tum Bhulo Bhale Maa Bap Ko Mat Bhulna)

हर बात को भूलो मगर,

माँ बाप मत भूलना,

उपकार इनके लाखों है,

इस बात को मत भूलना ॥



धरती पर देवो को पूजा,

भगवान को लाख मनाया है,

तब तेरी सूरत पायी है,

संसार में तुझको बुलाया है,

इन पावन लोगो के दिल को,

पत्थर बनकर मत तोडना,

उपकार इनके लाखों है,

इस बात को मत भूलना ॥



अपने ही पेट को काटा है,

और तेरी काया सजाई है,

अपना हर कौर खिलाया तुझे,

तब तेरी भूख मिटाई है,

इन अमृत देने वालो के,

जीवन जहर मत घोलना,

उपकार इनके लाखों है,

इस बात को मत भूलना ॥



जो चीज भी तुमने मांगी है,

वो सब कुछ तुमने पाया है,

हर जिद को लगाया सीने से,

बड़ा तुमसे स्नेह जताया है,

इन प्यार लुटाने वाले का,

तुम प्रेम कभी मत भूलना,

उपकार इनके लाखों है,

इस बात को मत भूलना ॥



गीले में सदा ही सोए हैं,

सूखे में तुझे सुलाया है,

बाहों का बनाकर के झूला,

दिन और रात तुझे झुलाया है।

इन निर्मल निश्छल आँखों मे,

एक आंसू भी मत घोलना,

उपकार इनके लाखों है,

इस बात को मत भूलना।।



चाहे लाख कमाई धन दौलत,

ये बंगला कोठी बनाई है,

माँ बाप ही ना खुश है तेरे,

बेकार ये तेरी कमाई है,

यह लाख नहीं यह ख़ाक है,

इस बात को मत भूलना,

उपकार इनके लाखों है,

इस बात को मत भूलना ॥



हर बात को भूलो मगर,

माँ बाप मत भूलना,

उपकार इनके लाखों है,

इस बात को मत भूलना ॥

चलो शिव शंकर के मंदिर में भक्तो: भजन (Chalo Shiv Shankar Ke Mandir Me Bhakto)

बधाई भजन: लल्ला की सुन के मै आयी यशोदा मैया देदो! (Lalla Ki Sun Ke Mai Aayi Yashoda Maiya Dedo Badhai)

श्री हनुमान-बालाजी भजन (Shri Hanuman-Balaji Bhajan)

जरी की पगड़ी बांधे, सुंदर आँखों वाला: भजन (Jari Ki Pagri Bandhe Sundar Ankhon Wala)

मैं ढूँढता तुझे था: प्रार्थना (Mai Dhundta Tujhe Tha: Prarthana)

शंकर शिव शम्भु साधु सन्तन सुखकारी: भजन (Shankar Shiv Shambhu Sadhu Santan Sukhkari)

माँ! मुझे तेरी जरूरत है। (Maa! Mujhe Teri Jarurat Hai)

पत्नीं मनोरमां देहि - सुंदर पत्नी प्राप्ति मंत्र (Patni Manoraman Dehi)

सुन लो चतुर सुजान, निगुरे नहीं रहना (Sunlo Chatur Sujan Nigure Nahi Rehna)

प्रेरक कथा: नारायण नाम की महिमा! (Prerak Katha Narayan Nam Ki Mahima)

आजा माँ तेनु अखियां उडीकदीयां: भजन (Aja Maa Tenu Ankhiyan Udeekdiyan)

कृपा की न होती जो, आदत तुम्हारी: भजन (Kirpa Ki Na Hoti Jo Addat Tumhari)