दुनियाँ रचने वाले को भगवान कहते हैं! (Duniya Rachne Wale Ko Bhagwan Kehte Hain)
दुनियाँ रचने वाले को भगवान कहते हैं,
और संकट हरने वाले को हनुमान कहते हैं।
हो जाते है जिसके अपने पराये,
हनुमान उसको कंठ लगाये।
जब रूठ जाये संसार सारा,
बजरंगबली तब देते सहारा।
अपने भक्तो का बजरंगी मान करते है,
संकट हरने वाले को हनुमान कहते हैं॥
॥ दुनियाँ रचने वाले को भगवान कहते हैं...॥
दुनियाँ में काम कोई ऐसा नहीं है,
हनुमान के जो बस में नहीं है।
जो चीज मांगो, पल में मिलेगी,
झोली ये खाली खुशियों से भरेगी।
सच्चे मन से जो भी इनका ध्यान करते हैं,
संकट हरने वाले को हनुमान कहते हैं॥
॥ दुनियाँ रचने वाले को भगवान कहते हैं...॥
कट जाये संकट इनकी शरण में,
बैठ के देखो बजरंग के चरण में।
लख्खा की बातों को झूठ मत मानो,
फिर ना फंसोगे जीवन मरण में।
और देवता चित्त ना धरही,
हनुमंत से सर्व सुख करही।
इनके सीने में हरदम सिया राम रहते है,
संकट हरने वाले को हनुमान कहते हैं॥
दुनियाँ रचने वाले को भगवान कहते हैं,
और संकट हरने वाले को हनुमान कहते हैं।
संकट कटे मिटे सब पीरा,
जो सुमिरै हनुमत बल बीरा।
सफला एकादशी व्रत कथा (Saphala Ekadashi Vrat Katha)
दर्द किसको दिखाऊं कन्हैया: भजन (Dard Kisako Dikhaun Kanaiya)
बजरंगबली मेरी नाव चली: भजन (Bajarangabali Meri Nav Chali)
प्रेम मुदित मन से कहो, राम राम राम: भजन (Prem Mudit Mann Se Kaho, Ram Ram Ram)
भजन: द्वार पे गुरुदेव के हम आगए (Dwar Pe Gurudev Ke Ham Aagaye)
भगवान राम के राजतिलक में निमंत्रण से छूटे भगवान चित्रगुप्त (Ram Ke Rajtilak Me Nimantran Se Chhute Bhagwan Chitragupt)
आरती: सीता माता की (Shri Sita Mata Aarti)
मन की तरंग मार लो... (Man Ki Tarang Mar Lo Bas Ho Gaya Bhajan)
विसर नाही दातार अपना नाम देहो: शब्द कीर्तन (Visar Nahi Datar Apna Naam Deho)
भजन: तेरा पल पल बीता जाए! (Tera Pal Pal Beeta Jay Mukhse Japle Namah Shivay)
सुन लो चतुर सुजान, निगुरे नहीं रहना (Sunlo Chatur Sujan Nigure Nahi Rehna)
भजन: आजु मिथिला नगरिया निहाल सखिया (Aaj Mithila Nagariya Nihar Sakhiya)