सबसे ऊंची प्रेम सगाई: भजन (Bhajan: Sabse Unchi Prem Sagai)
सबसे ऊंची प्रेम सगाई,
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।
दुर्योधन के मेवा त्याग्यो,
साग विदुर घर खाई ।
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।
जूठे फल शबरी के खाये,
बहु विधि स्वाद बताई ।
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।
राजसूय यज्ञ युधिष्ठिर कीन्हा,
तामे जूठ उठाई ।
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।
प्रेम के बस पारथ रथ हांक्यो,
भूल गये ठकुराई ।
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।
ऐसी प्रीत बढ़ी वृन्दावन,
गोपियन नाच नचाई ।
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।
प्रेम के बस नृप सेवा कीन्हीं,
आप बने हरि नाई ।
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।
सूर क्रूर एहि लायक नाहीं,
केहि लगो करहुं बड़ाई ।
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।
श्रीदेवीजी की आरती - जगजननी जय! जय! (Shri Deviji Ki Aarti - Jaijanani Jai Jai)
लगन तुमसे लगा बैठे, जो होगा देखा जाएगा। (Lagan Tumse Laga Baithe Jo Hoga Dekha Jayega)
श्री विष्णु स्तुति - शान्ताकारं भुजंगशयनं (Shri Vishnu Stuti - Shantakaram Bhujagashayanam)
प्रबल प्रेम के पाले पड़ के: भजन (Prem Ke Pale Prabhu Ko Niyam Badalte Dekha)
भजन: ज्योत से ज्योत जगाते चलो.. (Bhajan: Jyot Se Jyot Jagate Chalo)
रघुपति राघव राजाराम: भजन (Raghupati Raghav Raja Ram)
श्री सूर्य देव - ऊँ जय सूर्य भगवान (Shri Surya Dev Om Jai Surya Bhagwan)
जन्माष्टमी भजन: यशोमती मैया से बोले नंदलाला (Yashomati Maiyya Se Bole Nandlala)
भक्ति की झंकार उर के: प्रार्थना (Bhakti Ki Jhankar Urke Ke Taron Main: Prarthana)
काली कमली वाला मेरा यार है: भजन (Kali Kamali Wala Mera Yar Hai)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 8 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 8)
तू शब्दों का दास रे जोगी: भजन (Tu Sabdon Ka Das Re Jogi)