भजन: बाँधा था द्रौपदी ने तुम्हे (Bandha Tha Draupadi Ne Tumhe Char Taar Main)
बाँधा था द्रौपदी ने तुम्हे,
चार तार में ।
खूब जान लिया बाँधा,
एक पुष्प-हार में ॥
बाँधा था द्रौपदी ने तुम्हे,
चार तार में ।
खूब जान लिया बाँधा,
एक पुष्प-हार में ॥
वृंदा ने प्रेम डोर से,
बाँधा था तुम्ही को ।
वृषभानु किशोरी ने,
तुम्हे एक प्यार में ॥
॥ बाँधा था द्रौपदी ने..॥
बाँधा था तुम्हे साग खिला,
भक्त विधुर ने ।
गणिका ने सुना राम,
बड़ों की पुकार में॥
॥ बाँधा था द्रौपदी ने..॥
बाँधा था पवन पुत्र ने,
बूटी के बाण में ।
केवट ने लिया बाँधा,
पद पखार में ॥
॥ बाँधा था द्रौपदी ने..॥
दो अक्षरों के नाम से,
प्रह्लाद ने बाँधा ।
सबरी ने लिया बाँधा,
तुम्हे बैर चार में ॥
॥ बाँधा था द्रौपदी ने..॥
सदना ने रखा प्रेम,
तराजू में पकड़कर ।
किस अधम ने रखा है,
आंशुओं की धार में ॥
॥ बाँधा था द्रौपदी ने..॥
बाँधा था द्रौपदी ने तुम्हे,
चार तार में ।
खूब जान लिया बाँधा,
एक पुष्प-हार में ॥
भजन: हे करुणा मयी राधे, मुझे बस तेरा सहारा है! (Hey Karuna Mayi Radhe Mujhe Bas Tera Sahara Hai)
एकादशी माता की आरती (Ekadashi Mata Ki Aarti)
भजन: बाबा ये नैया कैसे डगमग डोली जाये (Baba Ye Naiya Kaise Dagmag Doli Jaye)
श्री बद्रीनाथजी की आरती (Shri Badrinath Aarti)
वट सावित्री व्रत कथा (Vat Savitri Vrat Katha)
भजन: मगन ईश्वर की भक्ति में.. (Magan Ishwar Ki Bhakti Me Are Mann Kiyon Nahin Hota)
श्री शङ्कराचार्य कृतं - वेदसारशिवस्तोत्रम् (Vedsara Shiv Stotram)
रामयुग: जय हनुमान - हर हर है हनुवीर का (Jai Hanuman From Ramyug)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 14 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 14)
गोविंद चले आओ, गोपाल चले आओ (Govind Chale Aao, Gopal Chale Aao)
आ लौट के आजा हनुमान: भजन (Bhajan: Aa Laut Ke Aaja Hanuman)
शीश गंग अर्धंग पार्वती: भजन (Sheesh Gang Ardhang Parvati)