ओम अनेक बार बोल! (Om Anek Bar Bol Prem Ke Prayogi)

ओम अनेक बार बोल, प्रेम के प्रयोगी।

है यही अनादि नाद, निर्विकल्प निर्विवाद।

भूलते न पूज्यपाद, वीतराग योगी।

॥ ओम अनेक बार बोल..॥



वेद को प्रमाण मान, अर्थ-योजना बखान।

गा रहे गुणी सुजान, साधु स्वर्गभोगी।

॥ ओम अनेक बार बोल..॥



ध्यान में धरें विरक्त, भाव से भजें सुभक्त,

त्यागते अघी अशक्त, पोच पाप-रोगी।

॥ ओम अनेक बार बोल..॥



शंकरादि नित्य नाम, जो जपे विसार काम,

तो बने विवेक धाम, मुक्ति क्यों न होगी।

॥ ओम अनेक बार बोल..॥




Read Also:

»
हे जग त्राता विश्व विधाता!
|
ऐ मालिक तेरे बंदे हम!
|
वह शक्ति हमें दो दया निधे!
|
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला
| |
भजन: इतनी शक्ति हमें देना दाता

»
भोजन मन्त्र: ॐ सह नाववतु।
|
प्रातः स्मरण - दैनिक उपासना
|
शांति पाठ
|
विद्यां ददाति विनयं!
|
येषां न विद्या न तपो न दानं

बाहुबली से शिव तांडव स्तोत्रम, कौन-है वो (Shiv Tandav Stotram And Kon Hai Woh From Bahubali)

जय राधे, जय कृष्ण, जय वृंदावन: भजन (Jaya Radhe Jaya Krishna Jaya Vrindavan)

आरती माँ लक्ष्मीजी - ॐ जय लक्ष्मी माता (Shri Laxmi Mata - Om Jai Lakshmi Mata)

श्री अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम (Ashtalakshmi Stothram)

जबसे बरसाने में आई, मैं बड़ी मस्ती में हूँ! (Jab Se Barsane Me Aayi Main Badi Masti Me Hun)

मंत्र: महामृत्युंजय मंत्र, संजीवनी मंत्र, त्रयंबकम मंत्र (Mahamrityunjay Mantra)

नौ दिन का त्यौहार है आया: भजन (Nau Din Ka Tyohaar Hai Aaya)

भोग भजन: जीमो जीमो साँवरिया थे (Jeemo Jeemo Sanwariya Thye)

मेरे राम मेरे घर आएंगे, आएंगे प्रभु आएंगे: भजन (Mere Ram Mere Ghar Ayenge Ayenge Prabhu Ayenge)

करवा चौथ व्रत कथा: द्रौपदी को श्री कृष्ण ने सुनाई कथा! (Karwa Chauth Vrat Katha)

श्री गौ अष्टोत्तर नामावलि - गौ माता के 108 नाम (Gau Mata Ke 108 Naam)

नृसिंह भगवान की आरती (Narasimha Bhagwan Ki Aarti)