छठ पूजा: कबहुँ ना छूटी छठि मइया... (Kabahun Na Chhooti Chhath)
कबहुँ ना छूटी छठि मइया,
हमनी से बरत तोहार
हमनी से बरत तोहार
तहरे भरोसा हमनी के,
छूटी नाही छठ के त्योहार
छूटी नाही छठ के त्योहार
अपने सरन में ही रखिह,
दिह आसिस हज़ार
दिह आसिस हज़ार
गोदिया भराईल छठी मइय्या,
बाटे राऊर किरपा अपार
बाटे राऊर किरपा अपार
चाहें रहब देसवा बिदेसवा,
छठ करब हम हर बार
छठ करब हम हर बार
डूबतो सुरुज के जे पूजे,
इहे बाटे हमर बिहार
इहे बाटे हमर बिहार
फलवा दउरवा सजाके,
अईनी हम घाट पे तोहार
अईनी हम घाट पे तोहार
दिहनी अरघ छठी मईया,
करीं हमर आरती स्वीकार
करीं हमर आरती स्वीकार
कबहुँ ना छूटी छठि मइया,
हमनी से बरत तोहार
हमनी से बरत तोहार
तहरे भरोसा हमनी के,
छूटी नाही छठ के त्योहार
छूटी नाही छठ के त्योहार
छूटी नाही छठ के त्योहार
छूटी नाही छठ के त्योहार
हनुमान द्वादश नाम स्तोत्रम: मंत्र (Hanuman Dwadash Naam Stotram)
तेरी मुरली की मैं हूँ गुलाम... (Teri Murli Ki Main Huun Gulaam Mere Albele Shyam)
पकड़ लो बाँह रघुराई, नहीं तो डूब जाएँगे: भजन (Pakadlo Bah Raghurai, Nahi Too Doob Jayenge)
श्री रुद्राष्टकम् (Shri Rudrashtakam - Goswami Tulasidas Krat)
श्रील प्रभुपाद प्रणति (Srila Prabhupada Pranati)
मेरा हाथ पकड़ ले रे, कान्हा: भजन (Bhajan Mera Haath Pakad Le Re, Kanha)
भगवान मेरी नैया, उस पार लगा देना: भजन (Bhagwan Meri Naiya Us Par Gaga Dena)
बाल लीला: राधिका गोरी से बिरज की छोरी से.. (Bal Leela Radhika Gori Se Biraj Ki Chori Se)
भजन: म्हाने जाम्भोजी दीयो उपदेश (Mhane Jambhoji Diyo Upadesh)
गणनायकाय गणदेवताय गणाध्यक्षाय धीमहि। (Gananaykay Gandevatay Ganadhyakshay Dheemahi)
श्री गायत्री माता की आरती (Gayatri Mata Ki Aarti)
कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 3 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 3)