आली री मोहे लागे वृन्दावन नीको: भजन (Aali Ri Mohe Lage Vrindavan Neeko)

लागे वृन्दावन नीको,

आली* मोहे लागे वृन्दावन नीको।

लागे वृन्दावन नीको,

आली री मोहे लागे वृन्दावन नीको।

आली मन लागे वृन्दावन नीको।



घर घर तुलसी ठाकुर सेवा,

दर्शन गोविन्द जी को,

आली मन लागे वृन्दावन नीको।



निर्मल नीर बहे जमुना को,

भोजन दूध दही को,

आली मन लागे वृन्दावन नीको।



रतन सिंघासन आप विराजे,

मुकुट धरो तुलसी को,

आली मन लागे वृन्दावन नीको।



कुंजन कुंजन फिरत राधिका,

शबद सुनत मुरली को,

आली मन लागे वृन्दावन नीको।



मीरा के प्रभु गिरधर नागर,

भजन बिना नरभी को,

आली मन लागे वृन्दावन नीको।



*आली- सखी

प्रभु हम पे कृपा करना, प्रभु हम पे दया करना: भजन (Prabhu Humpe Daya Karna)

उनकी रेहमत का झूमर सजा है: भजन (Unki Rehmat Ka Jhoomar Saja Hai)

अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा | बृहस्पतिदेव की कथा (Shri Brihaspatidev Ji Vrat Katha)

पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 10 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 10)

श्री गायत्री माता की आरती (Gayatri Mata Ki Aarti)

वो कौन है जिसने हम को दी पहचान है (Wo Kon Hai Jisne Humko Di Pahachan Hai)

जय जय जननी श्री गणेश की: भजन (Jai Jai Janani Shri Ganesh ki)

हर महादेव आरती: सत्य, सनातन, सुंदर (Har Mahadev Aarti: Satya Sanatan Sundar)

राम नाम के हीरे मोती, मैं बिखराऊँ गली गली। (Ram Nam Ke Heere Moti Main Bikhraun Gali Gali)

भगवन लौट अयोध्या आए.. (Bhagwan Laut Ayodhya Aaye)

पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 29 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 29)

आजा.. नंद के दुलारे हो..हो..: भजन (Ajaa Nand Ke Dulare)