गुरु स्तुति (Guru Stuti)
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः ।
गुरुर्साक्षात्परब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥
ध्यानमूलं गुरोर्मूतिः पूजामूलम गुरो पदम् ।
मंत्रमूलं गुरोर्वाक्यं मोक्षमूलं गुरोः कृपा ॥
अखण्डमण्डलाकारं व्याप्तं येन चराचरम् ।
तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥
त्वमेव माता च पिता त्वमेव त्वमेव बंधुश्च सखा त्वमेव ।
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव त्वमेव सर्वं मम देव देव ॥
ब्रह्मानन्दं परमसुखदं केवलं ज्ञानमूर्तिं,
द्वन्द्वातीतं गगनसदृशं तत्त्वमस्यादिलक्ष्यम् ।
एकं नित्यं विमलमचलं सर्वधीसाक्षिभूतं,
भावातीतं त्रिगुणरहितं सदगुरुं तं नमामि ॥
धन धन भोलेनाथ बॉंट दिये, तीन लोक: भजन (Dhan Dhan Bholenath Bant Diye Teen Lok)
रघुपति राघव राजाराम: भजन (Raghupati Raghav Raja Ram)
अन्नपूर्णा स्तोत्रम् - नित्यानन्दकरी वराभयकरी (Annapoorna Stotram - Nitya-nanda Karee Vara Abhaya Karee)
आरती: जय जय तुलसी माता (Aarti: Jai Jai Tulsi Mata)
नृसिंह भगवान की आरती (Narasimha Bhagwan Ki Aarti)
आपने अपना बनाया मेहरबानी आपकी: भजन (Aapne Apna Banaya Meharbani Aapki)
आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन: भोग आरती (Aao Bhog Lagao Mere Mohan: Bhog Aarti)
कन्हैया कन्हैया पुकारा करेंगे... (Kanhaiya Kanhaiya Pukara Karenge Lataon Me Brij Ki Gujara Karenge)
मेरे मन के अंध तमस में: भजन (Mere Man Ke Andh Tamas Me Jyotirmayi Utaro)
भजन: पायो जी मैंने राम रतन धन पायो। (Bhajan: Piyo Ji Maine Ram Ratan Dhan Payo)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 4 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 4)
श्री विष्णु मत्स्य अवतार पौराणिक कथा (Shri Vishnu Matsyavatar Pauranik Katha)