गुरु स्तुति (Guru Stuti)
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः ।
गुरुर्साक्षात्परब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥
ध्यानमूलं गुरोर्मूतिः पूजामूलम गुरो पदम् ।
मंत्रमूलं गुरोर्वाक्यं मोक्षमूलं गुरोः कृपा ॥
अखण्डमण्डलाकारं व्याप्तं येन चराचरम् ।
तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥
त्वमेव माता च पिता त्वमेव त्वमेव बंधुश्च सखा त्वमेव ।
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव त्वमेव सर्वं मम देव देव ॥
ब्रह्मानन्दं परमसुखदं केवलं ज्ञानमूर्तिं,
द्वन्द्वातीतं गगनसदृशं तत्त्वमस्यादिलक्ष्यम् ।
एकं नित्यं विमलमचलं सर्वधीसाक्षिभूतं,
भावातीतं त्रिगुणरहितं सदगुरुं तं नमामि ॥
मुझे कौन जानता था तेरी बंदगी से पहले: भजन (Mujhe Kaun Poochhta Tha Teri Bandagi Se Pahle)
लड्डू गोपाल मेरा, छोटा सा है लला मेरा.. (Laddu Gopal Mera Chota Sa Hai Lalaa)
मां नर्मदाजी आरती (Aarti Shri Narmada Maiya)
श्री खाटू श्याम जी आरती (Shri Khatu Shyam Ji Ki Aarti)
स्वांसां दी माला नाल सिमरन मैं तेरा नाम: शब्द कीर्तन (Swasa Di Mala Nal Simaran Main Tera Nam)
एकादशी माता की आरती (Ekadashi Mata Ki Aarti)
सवारिये ने भूलूं न एक घडी! (Sanwariye Ne Bhule Naa Ek Ghadi)
कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 10 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 10)
पार्श्व एकादशी व्रत कथा! (Parshva Ekadashi Vrat Katha)
॥दारिद्र्य दहन शिवस्तोत्रं॥ (Daridraya Dahana Shiv Stotram)
राम के दुलारे, माता जानकी के प्यारे: भजन (Ram Ke Dulare, Mata Janki Ke Pyare)
तेरी सूरत पे जाऊं बलिहार रसिया: भजन (Teri Surat Pe Jaun Balihari Rasiya)