शिव स्तुति: आशुतोष शशाँक शेखर (Shiv Stuti: Ashutosh Shashank Shekhar)
आशुतोष शशाँक शेखर,
चन्द्र मौली चिदंबरा,
कोटि कोटि प्रणाम शम्भू,
कोटि नमन दिगम्बरा ॥
निर्विकार ओमकार अविनाशी,
तुम्ही देवाधि देव ,
जगत सर्जक प्रलय करता,
शिवम सत्यम सुंदरा ॥
निरंकार स्वरूप कालेश्वर,
महा योगीश्वरा ,
दयानिधि दानिश्वर जय,
जटाधार अभयंकरा ॥
शूल पानी त्रिशूल धारी,
औगड़ी बाघम्बरी ,
जय महेश त्रिलोचनाय,
विश्वनाथ विशम्भरा ॥
नाथ नागेश्वर हरो हर,
पाप साप अभिशाप तम,
महादेव महान भोले,
सदा शिव शिव संकरा ॥
जगत पति अनुरकती भक्ति,
सदैव तेरे चरण हो,
क्षमा हो अपराध सब,
जय जयति जगदीश्वरा ॥
जनम जीवन जगत का,
संताप ताप मिटे सभी,
ओम नमः शिवाय मन,
जपता रहे पञ्चाक्षरा ॥
आशुतोष शशाँक शेखर,
चन्द्र मौली चिदंबरा,
कोटि कोटि प्रणाम शम्भू,
कोटि नमन दिगम्बरा ॥
कोटि नमन दिगम्बरा..
कोटि नमन दिगम्बरा..
कोटि नमन दिगम्बरा..
तुलसी विवाह पौराणिक कथा (Tulsi Vivah Pauranik Katha)
मन लेके आया, माता रानी के भवन में: भजन (Bhajan: Man Leke Aaya Mata Rani Ke Bhawan Me)
भजन: कलियुग में सिद्ध हो देव तुम्हीं! (Bhajan: Kalyug Mein Sidh Ho Dev Tumhin Hanuman)
सोमवती अमावस्या व्रत कथा (Somvati Amavasya Vrat Katha)
जल जाये जिह्वा पापिनी, राम के बिना: भजन (Jal Jaaye Jihwa Papini, Ram Ke Bina)
अष्टोत्तर भैरव नामावलि (Bhairav Stotram)
चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है: भजन (Chalo Bulawa Aaya Hai Mata Ne Bulaya Hai)
तत्त्वमसि महावाक्य (Tatwamasi)
तुम करुणा के सागर हो प्रभु: भजन (Tum Karuna Ke Sagar Ho Prabhu)
अहोई अष्टमी और राधाकुण्ड से जुड़ी कथा (Ahoi Ashtami And Radhakund Katha)
दुर्गा है मेरी माँ, अम्बे है मेरी माँ: भजन (Durga Hai Meri Maa Ambe Hai Meri Maa)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 24 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 24)