भजन: बोलो हर हर हर, फिल्म शिवाय (Bolo Har Har Har From Shivaay Movie)
आग बहे तेरी रग में
तुझसा कहाँ कोई जग में
है वक़्त का तू ही तो पहला पहर
तू आँख जो खोले तो ढाए कहर
तो बोलो हर हर हर
तो बोलो हर हर हर
आदि ना अंत है उसका
वो सबका ना इनका उनका
वोही है माला, वोही है मनका
मस्त मलंग वो अपनी धुन का
अंतर मंतर तंतर जागी
है सर्वत्र के स्वाभिमानी
मृत्युंजय है महा विनाशी
ओमकार है इसी की वाणी
इसी की इसी की इसी की वाणी
इसी की इसी की इसी की वाणी
भांग धतुरा बेल का पत्ता
तीनो लोक इसी की सत्ता
विष पीकर भी अडिग अमर है
महादेव हर हर है जपता
वोही शून्य है वोही इकाई
वोही शून्य है वोही इकाई
वोही शून्य है वोही इकाई
जिसके भीतर बस्ता शिवा है
…. नागेन्द्र हराया त्रिलोचानाया
बस्मंगा रागाया महेस्वराया
निथ्याया शुधाया दिगम्बराया
तस्मै॑ नकाराया नमशिवाया
शिवा त्राहिमाम शिवा त्राहिमाम
शिवा त्राहिमाम शिवा त्राहिमाम
महादेव जी त्राहिमाम, शर्नागातम
तवं त्राहिमाम, शिवा रक्ष्यामम
शिवा रक्ष्यामम, शिवा त्राहिमाम
आँख मूँद कर देख रहा है
साथ समय के खेल रहा है
महादेव महा एकाकी
जिसके लिए जगत है झांकी
जटा में गंगा, चाँद मुकुट है
सोम्य कभी कभी बड़ा विकट है
आग से जलना है कैलाशी
शक्ति जिसकी दर्द की प्यासी
है प्यासी, हाँ प्यासी
राम भी उसका, रावन उसका
जीवन उसका मरण भी उसका
तांडव है और ध्यान भी वो है
अज्ञानी का ज्ञान भी वो है
आँख तीसरी जब ये खोले
हिले धरा और स्वर्ग भी डोले
गूँज उठे हर दिशा क्षितिज में
नंद उसी का बम बम भोले
वही शून्य है वोही इकाई
वही शून्य है वोही इकाई
वही शून्य है वोही इकाई
जिसके भीतर बसा शिवा है
तो बोलो हर हर हर...
जा कर विनाश जा जा के कैलाश
जा कर विनाश जा जा के कैलाश
तो बोलो हर हर हर
जा जा के कैलाश जा कर विनाश
जा जा के कैलाश जा कर विनाश
जा जा के कैलाश जा कर विनाश
यक्ष स्वरूपाया जट्टा धराय
पिनाका हस्थाथाया संथानाय
दिव्याया देवाया दिगम्बराय
तस्मै यकाराय नमः शिवाय
मेरो राधा रमण गिरधारी (Mero Radha Raman Girdhaari)
भजन: ऐसो चटक मटक सो ठाकुर.. (Aiso Chatak Matak So Thakur)
सज रही मेरी अम्बे मैया - माता भजन (Saj Rahi Meri Ambe Maiya Sunahare Gote Mein)
हे रोम रोम मे बसने वाले राम! (Hey Rom Rom Main Basne Wale Ram)
श्री सूर्य देव - ऊँ जय सूर्य भगवान (Shri Surya Dev Om Jai Surya Bhagwan)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 27 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 27)
श्री सत्यनारायण कथा - चतुर्थ अध्याय (Shri Satyanarayan Katha Chaturth Adhyay)
मंगल को जन्मे, मंगल ही करते: भजन (Mangal Ko Janme Mangal Hi Karte)
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा - माँ काली भजन (Mangal Ki Sewa Sun Meri Deva)
मैं बालक तू माता शेरां वालिए! (Main Balak Tu Mata Sherawaliye)
चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां: शब्द कीर्तन (Charan Kamal Tere Dhoye Dhoye Peevan)
राम को मांग ले मेरे प्यारे: भजन (Ram Ko Maang Le Mere Pyare)